घर के बुरे हालातों और आर्थिक समस्या से लड़ कर कुछ अभ्यर्थी यहां तक पहुंचते हैं लेकिन उनमें से गिने चुने ही ऐसे होते हैं जो अधिकारी बन पाते हैं. ऐसा कहा जाता है कीं अगर इंसान ठान ले तो वो दुनिया में कुछ भी कर गुजर सकता है | के. जयगणेश की पारिवारिक स्थिति बहुत ज्यादा खराब थी और इस वजह से उन्होंने कभी वेटर की नौकरी की थी। लेकिन अपनी मेहनत और काबिलियत के दम पर उन्होंने 156वीं रैंक हासिल कर IAS बनने का सपना पूरा कर लिया।