कहा जाता है न सबसे बड़ी चीज होती है संस्कार जिसे आप पैसे से हाशिल नहीं कट सकते आपको पैसा तो हो जायेगा लेकिन आपको संस्कार पाने के लिए पढाई करनी पड़ेगी असली संस्कार बस तीन लोग ही देते है माँ – बाप और गुरु जो सदैव पास में रहता है मरते वक़्त तक रहता संस्कार नहीं आपसे कोई छीन सकता है नहीं कोई ले सकता न भाई बात सकता है वही आज एक पुलिसवालों ने कर दिखाया है.

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मेरठ के कंकरखेड़ा थाने से कुछ तस्वीरें सामने आई हैं जिन्हें देख लोग पुलिस इंस्पेक्टर की तारीफ करते नहीं थक रहे. पुलिस इंस्पेक्टर की तरफ से अपने से छोटी रैंक के होमगार्ड के पैर छुए गए हैं. उन्हें पूरा सम्मान दिया गया है और थाने में मौजूद सभी दूसरे कर्मियों ने उनका आशीर्वाद लिया है. अब इतना सबकुछ इसलिए हुआ क्योंकि होमगार्ड रिछपाल चालीस साल तक सेवा देने के बाद अब रिटायर हो रहे थे. उनके रिटायर होने पर थाने में ही छोटा फेयरवेल दिया गया.

उस फेयरवेल में वैसे तो सभी ने उन्हें माला पहनाई, मुंह मीठा करवाया, लेकिन सभी का ध्यान जा टिका इंस्पेक्टर तपेश्वर सागर पर जिन्होंने अपनी से छोटी रैंक के होमगार्ड के पैर छुए. तस्वीरों में वे रिछपाल से आशीर्वाद लेते देखे गए. इस बारे में मेरठ के कंकड़खेड़ा थाना के थानेदार तपेश्वर सागर ने बताया कि होमगार्ड रिछपाल चालीस साल तक ईमानदारी के साथ विभाग को अपनी सेवाएं देते रहे. देखते ही देखते चालीस वर्ष कब बीत गए पता ही नहीं चला और अब वह वह रिटायर हो गए हैं. 

थाने से विदा होते वक्त रिछपाल की आंखे नम थीं. अपने साथियों से मिले इस सम्मान से वे अभूतपूर्व थे और काफी खुश दिखाई दे रहे थे. और काफी खुश दिखाई दे रहे थे. उनको भावुक देख दूसरे पुलिसकर्मी भी भावुक हुए और सभी ने एक ईमानदार होमगार्ड को सच्चे दिल से विदाई दी.

सोनू मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले है पिछले 4 साल से डिजिटल पत्रकारिता...