Site icon First Bharatiya

BPSC में पास होकर भी मगध विश्वविद्यालय की गलती के कारण ‘फेल’ हो गई निकिता

AddText 06 28 06.59.54

पटनाः बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की 64वीं परीक्षा के अंतिम परिणाम में कुछ अभ्यर्थियों की उम्मीदवारी रद्द कर दी गई. इनमें एक नाम निकिता सिन्हा का भी है. बताया जाता है कि स्नातक की डिग्री का प्रमाण पत्र बीपीएससी परिणाम से पहले जमा नहीं करने के कारण आयोग ने ऐसा किया है.

Also read: Bihar Weather: बिहार में होने वाली है भारी बारिश, आँधी तूफ़ान के साथ बरसेंगे पत्थर जाने कुआ है मौसम विभाग का अलर्ट!

इस पूरे मामले में निकिता ने एबीपी न्यूज से बातचीत करते हुए कहा कि उन्होंने आयोग से गुहार लगाकर कहा है कि वे स्नातक की डिग्री का प्रमाण पत्र साक्षात्कार के समय डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के दौरान जमा नहीं कर सकी. उस समय तक उन्हें मगध विश्वविद्यालय की ओर से मूल प्रमाणपत्र नहीं उपलब्ध कराया गया था. विश्वविद्यलाय ने मूल प्रमाण पत्र की जगह टेस्टिमोनियम सर्टिफिकेट दिया.

Also read: Railway News : हावड़ा से गांधीधाम और गया से आनंद विहार के लिए चल रही स्पेशल ट्रेन, जान लीजिये टाइम टेबल…

निकिता सिन्हा ने वर्ष 2013 में मगध विश्वविद्यालय से स्नातक करने के बाद 2018 में मूल प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया. विश्वविद्यालय से समय से जारी नहीं होने के कारण वह प्रमाण पत्र जमा नहीं कर सकी. 2013 से ही वह लगातार अपने कॉलेज और यूनिवर्सिटी से प्रमाण पत्र के लिए प्रयास करती रही हैं. जब बीपीएससी 64वीं का नोटिफिकेशन आया था.

Also read: दरभंगा , समस्तीपुर , जयनगर , दानापुर , आरा, डीडीयू से होते हुए उज्जैन, बांद्र टर्मिनल, नई दिल्ली के लिए स्पेशल ट्रेन का परिचालन

उस समय भी उन्होंने कॉलेज से प्रमाण पत्र को लेकर मिलीं लेकिन वहां से कॉलेज द्वारा एक टेस्टिमोनियम सर्टिफिकेट दिया गया जिसमें स्पष्ट लिखा गया था कि अभी मूल प्रमाण पत्र यूनिवर्सिटी से नहीं आने के कारण ये टेस्टिमोनियम सर्टिफिकेट कॉलेज द्वारा जारी किया गया जो सभी जगह मान्य होगा. उसी के आधार पर उन्होंने बीपीएससी का फॉर्म भरा था.

Also read: Patna To Delhi : पटना से नई दिल्ली के लिए आरा, बक्सर, डीडीयू के रास्ते चलेगी स्पेशल ट्रेन, देखे टाइम टेबल

इस मामले में निकिता ने कहा कि वह खुद को इसके लिए दोषी नहीं मानती. आज एक सर्टिफिकेट उनके सपनों पर हावी होगा उन्हें नहीं पता था. उन्होंने कहा कि वह मिडिल क्लास फैमली से आती है. उन्हें संघर्ष कर अपने पापा के के सपने को पूरा करना है इसलिए वह बीपीएससी में भाग ले रही है.

कहा कि उन्हें उम्मीद भी नहीं थी कि उनके साथ ऐसा भी होगा. कहा कि वह अकेली नहीं है बल्कि उसके साथ 17 स्टूडेंट्स हैं जिनके साथ ऐसा ही हुआ है. निकिता ने कहा, “बिहार के मुख्यमंत्री और आयोग से अनुरोध करती हूं कि मेरी बिना गलती के मुझे बाहर कर दिया गया तो ऐसे में मैं क्या करूं? सपना टूटना बहुत बड़ी बात होती है.”

इस संबंध में आयोग के सचिव केशव रंजन ने बताया कि आयोग ने अपने मूल विज्ञापन में भी स्पष्ट कर रखा है कि उन्हें सभी प्रमाण पत्र फार्म के साथ चाहिए. अभ्यर्थियों के पास तीन वर्ष का समय था. साक्षात्कार तक भी प्रमाण पत्र जमा होने पर आयोग विचार करता. प्रमाण पत्र नहीं रहने के कारण आयोग के नियमानुसार इनकी उम्मीदवारी रद्द की गई है.

Exit mobile version