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इंसान को नाकामयाबी से ना कभी डरना चाहिए और ना ही कभी उदास होना चाहिए। कुछ लोग असफलता से थक कर बैठ जातें हैं जो गलत है। असफलता एक ऐसी सीख है जो सफल होने का मार्गदर्शन करती है। इंसान असफल होकर ही बहुत कुछ सीखता है। इंसान जब असफल होता है तो वह उस असफलता से सफल होने का गुण सीख पाता है और उसके फलस्वरुप ही वह कामयाबी का स्वाद चखता है।

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आज हम आपको एक ऐसी लड़की की कहानी बताने जा रहे हैं जिसने नाकामयाबी से कामयाबी का स्वाद चखा और उन लोगों के लिए मिसाल खड़ी कर दी जो अपनी पराजय से डर कर बैठ गये या डिप्रेशन में चले गये।

जब रुम्किणी को सफलता मिली तो लोगों के व्यवहार में भी काफी बदलाव हुआ। अब वह सबके सामने गर्व से रहने लगी। रुक्मिणी सबको दिखाना चाहतीं थी कि वह अपने पैरों पर खड़ी हो सकती हैं। वह असफलता से हार कर बैठने वालों के लिए एक मिसाल पेश की है। उनका मानना हैं कि नाकामयाबी इंसान को एक अच्छी सीख देती है लेकिन यह इंसान पर निर्भर करता है कि उन्हें इससे सीख लेकर आगे बढ़ना है या पूरी ज़िंदगी विफल होकर रहना है।

सोनू मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले है पिछले 4 साल से डिजिटल पत्रकारिता...