रास्ता भी उन्हीं में से होकर निकलता था। ऐसी परिस्थिति में भी सूझबूझ दिखाते हुए एक बेटी जो महज़ 22 साल की उम्र में IAS बन गई
और अपने पिता का सपना पूरा किया पिता बीमार होने के बावजूद
आइए जानते हैं क्या है इस युवा IAS की ज़िन्दगी की कहानी।
एचडी का ने अपने जीवन में बहुत परेशानियों से जुड़े हैं और 10वीं और 12वीं की परीक्षा में टॉप की है।
रितिका ने इसके बाद श्रीराम काॅलेज ऑफ कामर्स में दाखिला लिया। यहाँ से उन्होंने B.COM की पढ़ाई पूरी
अरबी खाने हुआ अपने कॉलेज में सबसे ज्यादा 95% अंक मारने वाली छात्रा बनी
रुचिका कविता से भूख लगा था और उसका पिता को तबीयत बिगड़ने लगा था
लेकिन इसके बावजूद भी जब उसके पिता को कैंसर हो गया उसके बाद भी हिम्मत नहीं हारी
और मेहनत करती रही और 1 दिन आईएएस बनकर अपने पिता के सपने पूरा की
इसलिए परेशानी के बाद भी मेहनत का पीछा नहीं छोड़ा