कोरोना के डर से कई लोग जहां अपने रिश्तेदारों तक के शव ले जाने से मुकर रहे हैं, वहीं हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में एक शख्स ऐसा भी है जो अब तक 300 से ज्यादा कोरोना पीड़ितों का दाह संस्कार कर चुका है। यह कोरोना वॉरियर रोजाना लगातार 12 से 16 घंटे तक पीपीई किट पहनकर और बिना कुछ खाये पीये पांच से दस शवों का दाह संस्कार कर रहा है।

बीते एक साल से एक भी छुट्टी नहीं ली है। इस वॉरियर का नाम है रजनीश। 41 साल का रजनीश नगर निगम में सफाई कर्मचारी के तौर पर तैनात है।  नगर निगम को बीते साल कोरोना पीड़ितों के दाह संस्कार के लिए कर्मचारियों की तैनाती करनी थी।

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स्वेच्छा से कर्मचारियों को इस काम के लिए पूछा गया तो सबने कोरोना के डर से मना कर दिया। ऐसे में रजनीश ने गजब हिम्मत दिखाई और यह जिम्मा ले लिया। पहले एक और कर्मचारी साथ था लेकिन बाद में इसने काम छोड़ दिया। ऐसे में बीते एक साल से रजनीश अकेले शहर में कोरोना पीड़ितों का दाह संस्कार कर रहा है।

हालांकि, सूद सभा के दो कर्मी भी पूरी मदद कर रहे हैं। रजनीश बताते हैं कि दोपहर बाद कोरोना पीड़ितों के शवों को यहां लाया जाता है। ऐसे में सुबह नौ बजे से ही तैयारियां शुरू हो जाती है। रजनीश अपने सहयोगी के साथ पीपीई किट पहनकर सभी पांच चिताओं को तैयार करते हैं। 

सुबह आठ से रात 11 बजे तक ड्यूटी 
रजनीश शहर के रामनगर वार्ड में रहते हैं। इनकी दो बेटियां और एक बेटा है। रोज सुबह आठ बजे रजनीश कनलोग शमशानघाट पहुंच जाते हैं।

जब शव ज्यादा होते हैं तो रात दस से 11 बजे तक पीपीई किट पहनकर शमशानघाट पर रहना पड़ता है। इतने शव जलाने के बावजूद रजनीश खुद संक्रमण से बचे हुए हैं। लोग इनके काम को सलाम कर रहे हैं।

सभार :- amar ujala

सोनू मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले है पिछले 4 साल से डिजिटल पत्रकारिता...