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लापरवाही : कोरोना यूं ही नहीं मचा रहा देश में तबाही, जानिए आखिर कहां हो गई चूक

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देश में अब तक 2 करोड़ से अधिक मरीज कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं वहीं सवा दो लाख से अधिक की जान जा चुकी है।

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देश में कोरोना का कहर आए दिन बढ़ता ही जा रहा है। अस्पतालों में मरीजों की लंबी कतार लगी है और लोग असहाय दिख रहे हैं। मदद के लिए सोशल मीडिया से लेकर हर स्तर पर हाथ फैला रहे हैं लेकिन कई मरीजों को या तो कालाबाजारी का सामना करना पड़ रहा है नहीं तो जान गंवानी पड़ रही है।

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देश में अब तक 2 करोड़ से अधिक मरीज कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं वहीं सवा दो लाख से अधिक की जान जा चुकी है। वहीं इन सब के बीच देश में औसतन रोजाना 3 लाख 78 हजार मामले रोज आ रहे हैं। चलिए आखिर जानते हैं सरकार से कहां चूक हो गई जिससे देश को इस तबाही का सामना करना पड़ रहा है…

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पहली चूक 
मार्च के शुरू में यानी कोरोना की दूसरी लहर शुरू होने से पहले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने एलान कर दिया कि भारत में कोरोना अंतिम स्थिति में है.

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और हमलोग इसपर लगभग जीत हासिल कर ली है। कोरोना के नए प्रकार आने के बावजूद भारत सरकार की तरफ से दिखाने की कोशिश की गई कि कोरोना को हराने में सरकार की रणनीति बिल्कुल सही रही।

दूसरी चूक 
भारत सरकार की तरफ से ये बात फैलाई गई कि देश में अधिकतर लोगों में हर्ड इम्यूनिटी विकसित हो गई है लेकिन सच्चाई कुछ और ही थी। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) की रिपोर्ट के मुताबिक, देश में केवल 21 फीसदी लोगों में कोरोना के प्रति एंटीबॉडी विकसित हो पाई है।

बता दें कि हर्ड इम्यूनिटी का मतलब यह हुआ कि यदि कोई बीमारी किसी समूह के बड़े हिस्से में फैल जाती है तो इंसान की रोग प्रतिरोधक क्षमता उस बीमारी से लड़ने में संक्रमित लोगों की सहायता करती है। जो लोग बीमारी से लड़कर पूरी तरह ठीक हो जाते हैं, वो उस बीमारी से इम्यून हो जाते हैं, यानी उनमें प्रतिरक्षात्मक गुण विकसित हो जाते हैं और दूसरे मरीजों की मदद करते हैं। 

तीसरी चूक
सुपरस्प्रेडर घटनाओं के जोखिमों के बारे में चेतावनी के बावजूद सरकार ने धार्मिक उत्सवों को आगे बढ़ने की अनुमति दी। अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा को पूरा करने के लिए विशाल राजनीतिक रैलियों का आयोजन किया। इन सब के अलावा कोरोना प्रबंधन में ढील दे दी गई और लोग बिना मास्क के ही सड़कों पर घूमने लगे। 

सरकार को उठाने होंगे ठोस कदम 
भारत सरकार को अब ठोस रणनीति अपनानी होगी। सबसे पहले राज्य सरकार से बात कर शहर से लेकर गांव तक स्वास्थ्य व्यवस्थाएं दुरुस्त करनी होंगी। इसके बाद अन्य देशों की सरकार से बात करके वैक्सीन की आपूर्ति में तेजी लानी होगी।

देश में टीकाकरण अभियान को और तेज करने की जरूरत है। सिर्फ शहर में ही नहीं गांव में भी चैनल स्थापित करने होंगे ताकि इसे बड़े पैमाने पर फैलने से रोका जा सके। हर शहर में ऑक्सीजन प्लांट लगाने होंगे ताकि आने वाले समय में इन मुश्किलों से निपटा 

साभार :- amar ujala

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