grtyh 1

हमारे देश में माता-पिता के बाद सबसे सर्व श्रेष्ठ स्थान गुरु को दिया गया है. क्यूंकि ऐसा माना गया है की जो बच्चे को शिक्षित करते है सही मार्गदर्शन करते हैं उनका स्थान सबसे ऊपर है. ये आज से नहीं ये परम्परा बहुत दिनों से चला आ रहा है.और किसी को शिक्षित करना ये महान कामों में से एक काम है.

image 337
Image Credit – Tweeter

आज आपको हम एक ऐसे शिक्षक के बारे में बतायेंगे जिसे सुन आप भी रो पड़ेंगे और आप भी कहेंगे की आज भी इंसानियत जिन्दा है. दोस्तों एक शिक्षक पुरे जिंदगी दूध बेचकर रिक्सा चलाकर हेडमास्टर बना और जब समय आया रितायार्मेंट का तो रितायरी में मिले 40 लाख रुपया गरीब बच्चो में बाँट दिया.

image 338
Image Credit – Tweeter

जी हाँ दोस्तों हम बात कर रहे है विजय कुमार के बारे में विजय कुमार का जन्म बेहद ही साधारण परिवार में हुआ और उन्होंने अपने जीवन में बहुत संघर्ष किया. उन्होंने अपने जीवन में रिक्सा भी चलाया अपना भरण-पोषण करने के लिए दूध भी बेचे तब जाकर उन्हें शिक्षक की नौकरी लगी.

image 339
Image Credit – Tweeter

और पूरी जीवन की कमाई उन्होंने गरीब बच्चो में अपने रिटायर्मेंट में बाँट दिया. आपको बता दूँ की विजय कुमार जी चंसोरिया जिले के संकुल केंद्र रक्सोहा प्राथमिक विद्यालय के सहायक शिक्षक थे. जिन्हें रितायरी में कुल 40 लाख रुपया मिली थी उस पैसे को उन्होंने गरीब बच्चो में बाँट दिया.

image 340
Image Credit – Tweeter

जब इनसे पूछा गया की आपने अपने रितायरी के कुल चालीस लाख रुपया गरीब बच्चो में क्यूँ बाँट दिया तो इस पर उन्होंने जवाब देते हुए कहा की गरीबी क्या होती है इसको मैंने बहुत करीब से देखा है और मैं जानता हूँ पैसे के अभाव में क्या तकलीफे सहनी होती है. और आखिरी में कहा की गरीब बच्चे पैसे के आभाव में अनपढ़ न बन सके इसीलिए मैंने अपने पूरी जीवन की कमाई गरीब बच्चो में बाँट दिया.

image 341
Image Credit – Tweeter

सोनू मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले है पिछले 4 साल से डिजिटल पत्रकारिता...