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उत्तरी और पूर्वी बिहार के लोगों के लिए भारतीय रेल का बड़ा तोहफा लोगों का 87 वर्ष का सपना हुआ साकार जिस रूट पर लगभग 87 वर्ष से रेल सेवा बंद थी उस पर अब चालू कर दिया गया है | जी हाँ दोस्तों हम बात कर रहे है | मिथिला और कोसी के बीच की थप रेल सेवा कजे बारे में जिसे अब चालू कर दिया गया है | दरअसल वह 1934 में आये भूकंप की वजह से क्षतिग्रस्त हो गया था | जिसे करीब 87 साल बाद फिर से परिचालन में लाया गया है | अब उत्तरी बिहार के लोगों को होगी अधिक फायदा |

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87 साल बाद चालू हुआ इस रूट पर ट्रेन की सेवा :

जी हाँ दोस्तों यह रेल सेवा करीब 88 वर्षों बाद दो भागों में विभाजित कोसी और मिथिलांचल के बीच एक बार फिर से रेल सफर शुरू हो गया | वहीँ रेलवे के वरीय अधिकारी वीरेंद्र कुमार ने बताया कि कोसी और मिथिलांचल के बीच नये सेक्शन पर रेल मंत्री द्वारा वीडियो लिंक के माध्यम से ट्रेन को हरी झंडी दिखायी गयी.

बता दे कि इस दौरान झंझारपुर से सहरसा के लिए सवारी ट्रेन चलायी गयी की नए रेलखंड के बन जाने के से दरभंगा से सहरसा जाने में महज दो से ढाई घंटे की सफर ही लगेंगे विशेष बात की जाए उत्तर बिहार की तो रेल परिवहन योजना मे बीते दशकों में इन क्षेत्र के विकास में कुछ खास देखने को नही मिली है पर हाल ही में देखा जा रहा है बिहार के उत्तर, पूर्व क्षेत्र में अब ढेर सारी परियोजनाएं एवं विकास को लेकर चर्चा की गई है |

वर्तमान में मिथिला कोसी के बीच बन रही रेल पुल कि लंबाई 1.8 किलोमीटर एवं चौड़ाई 45.7 मीटर है और इस पुल में 39 स्पैन लगाए गए हैं जबकि इनकी निर्माण में लगभग 620 करोड़ रुपए की लागत बताई गई है साथ ही इस पुल की स्ट्रक्चर एमबीजी लोडिंग क्षमता के अनुसार बनाई गई है |

सोनू मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले है पिछले 4 साल से डिजिटल पत्रकारिता...