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बिहार से कोरोना को भगाने के लिए नीतीश कुमार GO CORONA GO मॉडल अपना रहे हैं. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने कुछ ऐसा ही कहा है. तेजस्वी यादव ने आंकड़ों के सहारे बताया है कि कोरोना से निपटने का नीतीश मॉडल क्या है?

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तेजस्वी ने जारी किये आंकड़े
दरअसल तेजस्वी यादव ने बिहार में हर रोज हो रहे कोरोना जांच के आंकड़े जारी किये हैं. उन्हीं आंकड़ों के सहारे तेजस्वी यादव ने कहा है कि बिहार में कोरोना से निपटने का दिखावा हो रहा है. कोरोना की जांच ही जब नहीं हो रही है तो पता कैसे चलेगा कि बिहार में कोरोना के हालात क्या हैं.

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तेजस्वी ने ट्वीटर पर लिखा है“नीतीश जी का GO CORONA GO मॉडल देखिये. कोरोना के नये केसलोड को कम करने के लिए प्रतिदिन जांच घटा दिया गया. न होगी जांच ना निकलेगा कोरोना. कम जांच के बावजूद पॉजिटिविटी रेट 14.6 % है. अपनी नाकामी को छिपाने के लिए लोगों की जान से खेल रहे हैं. कोरोना के खिलाफ टेस्टिंग सबसे कारगर हथियार है.

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तेजस्वी यादव ने पिछले सात दिनों में बिहार में हुए कोरोना जांच का आंकड़ा जारी किया है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 26 अप्रैल को बिहार में सिर्फ 80 हजार 461 जांच किये गये. उससे पहले यानि 25 अप्रैल को एक लाख 491 टेस्ट किये गये थे. यानि सरकार ने कोरोना टेस्ट की संख्या एक दिन में 20 हजार कम कर दिया. 

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वैसे अहम बात ये भी है कि बिहार में कोरोना के RT-PCR टेस्ट की संख्या बेहद कम है. जबकि सिर्फ इसी टेस्ट से कोरोना की सही जांच रिपोर्ट आती है. सरकार लगभग 65 फीसदी टेस्ट रैपिड एंटीजेन किट के जरिये कर रही है. रैपिड एंटीजेन टेस्ट की रिपोर्ट 60 फीसदी तक गलत हो रही है.

यानि 10 में 6 रिजल्ट गलत आ जा रहे हैं. कोरोना से मर गये विधायक मेवालाल चौधरी जब गंभीर हालत में थे तो रैपिड एंटीजेन टेस्ट में उन्हें निगेटिव करार दिया गया था. सरकार लगभग 35 फीसदी टेस्ट ही RT-PCR  कर रही है.

सोनू मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले है पिछले 4 साल से डिजिटल पत्रकारिता...