एक इलेक्ट्रीशियन जो घर-घर जाकर बिजली बत्ती का काम करता था | दुसरे के अँधेरे घरों में रौशनी लाता था | भले यह काम वह रुपया पैसा कमाने के लिए करता था लेकिन उनके अन्दर भी रौशनी की लौ हमेशा जलती रहती थी | एक अच्छे भविष्य की लौ | वर्तमान के इस जद्दो-जहद से छुटकारा पाने की लौ | अक्सर शाम को जब वह इलेक्ट्रीशियन का काम करके वह घर आता तो अपने बच्चो से खूब सारा ज्ञान की बातें करता | उन्हें अच्छी-अच्छी बाते सिखाता | वह बताता मेहनत करने वालों को हमेशा सफलता मिलती है | अपने बच्चो को अक्सर सिख देता की पढाई-लिखाई से हम अपनी किस्मत बदल सकते है | जो लोग अच्छे से मन लगा कर पढ़ते है सफलता उनकी कदम चूमती है |
ये कहानी मध्य प्रदेश ग्वालियर के एक इलेक्ट्रीशियन रविन्द्र सेंगर की है | रविन्द्र सेंगर की तीन बेटियां और एक बेटा है | वे अपने बच्चो को सही मार्ग पर चलने के लिए हमेशा प्रेरित करते रहे थे | बेटी उर्वशी सेंगर का पढाई लिखाई में खूब मन लगता | ग्वालियर के न्यू ग्रेसम विहार की रहने वाली उर्वशी सेंगर ने संघ लोक सेवा आयोग परीक्षा UPSC (Union Public Service Commission) पास कर के आईएएस अफ़सर बन अपने मजदुर पिता का नाम रौशन कर दिया है |
आईएएस उर्वशी सेंगर का जन्म एक साधारण परिवार में हुआ | पिता रविन्द्र सेंगर एक बिजली का काम करने वाले मजदुर थे | माँ गृहणी थी | जीवन ऐसे ही गुजर रहा था | पिता प्रतिदिन शाम को घर आते तो उर्वशी के पढाई लिखाई का जायजा लेते | रविंद्र सेंगर भले ही मजदूर हो लेकिन उनके परिवार में पढ़ाई का अच्छा माहौल था | प्रारंभिक शिक्षा के बाद इंटरमीडिएट भी अच्छे अंको से उर्वशी ने पास कर लिया | फिर उर्वशी ने KRG गर्ल्स कॉलेज से ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन भी कम्पलीट कर लिया |
उच्च शिक्षा के समाप्ति के बाद उर्वशी UPSC की तैयारी के लिए दिल्ली आ गयी | दिल्ली में कोचिंग जॉइन कर लिया | खूब मन लगा कर पढने लगी | बस ठान ही लिया था की कोई न कोई अच्छी सरकारी नौकरी तो पानी ही है | उर्वशी का मेहनत रंग लाना शुरू कर दिया | उर्वशी को UP-PSC की परीक्षा में सफलता मिल गई थी | उत्तर प्रदेश में नायब तहसीलदार के पद पर चयन हो गई थी पर उर्वशी का सपना आईएएस अधिकारी के पद पर पहुंचना था | उनका मन UPSC पास कर IAS बनने का था, इसलिए उन्होंने उस तहसीलदार के पद को ज्वाइन नहीं किया |