बिहार की राजधानी पटना में गंगा नदी पर बनने वाले दुनिया के सबसे लंबे सिक्सलेन पुल का निर्माण शुरू हो गया। कुल 67 पायों वाले पुल के निर्माण कार्य को चार वर्षों में पूरा करना है। बुधवार को कच्ची दरगाह की तरफ से पुल के पहले पाये का निर्माण शुरू किया गया है। पहला दिन पायों की ढलाई (वेल फाउंडेशन) का काम किया गया। पथ निर्माण निगम के दावे के मुताबिक यह दुनिया में किसी भी नदी पर बनने वाला पहला सबसे लंबा सिक्सलेन पुल होगा।
कोसी नदी पर इस पुल का यह होगा खासियत कोसी नदी पर बनने वाला यह पुल भारतमाला परियोजना के तहत बनाया जा रहा है केवल नदी की बात करें तो पुल सिर्फ नदी में 10.2 किलोमीटर लंबा होगा अगर दोनों तरफ के अप्रोच मिला दिए जाएं तो पुल की लंबाई 13 किलोमीटर से अधिक हो जाएगी.
इससे पहले भारत में ब्रह्मपुत्र नदी पर बना पुल सबसे लंबा था लेकिन बिहार में कोसी नदी के ऊपर बन रहे इस पुल के बनने के बाद यह पुल देश का सबसे लंबा पुल होगा एक बार फिर से बिहार में वह सबसे लंबा पुल होगा कोसी महासेतु और बलुआहा घाट के बीच की बड़ी आबादी को इस महासेतु से बहुत लाभ होगा।
बकौर भेजा के बीच बनने वाले इस पुल के 25 किलोमीटर उत्तर में कोसी नदी पर कोसी महासेतु है तो 26 किलोमीटर दक्षिण में कोसी नदी पर बलुआहा घाट सेतू है धारा बदलते रहने वाली कोसी नदी के स्वभाव के कारण इस महासेतु के सिरों को दोनों तरफ बने तटबंध यानी कि पूर्व और पश्चिम से सीधे जोड़ा जा रहा है.
जिस कारण से से यह महासेतु अब देश का सबसे लंबा महासेतु बन जाएगा अभी असम और अरुणाचल प्रदेश दो राज्यों को जोड़ने के लिए ब्रह्मपुत्र नदी पर बने सबसे बड़े महासेतु की लंबाई 9.8 किलोमीटर है वही बकौर भेजा महासेतु के बनने के बाद दियारे में रहने वाली आबादी को ध्यान में रखते हुए महासेतु के दोनों तरफ दो बड़े-बड़े अंडरपास बनाए जाएंगे