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आमतौर पर आपने अफसरों को अपनी ड्यूटी करते हुए देखा होगा. मगर क्या आप किसी ऐसे आईएएस अधिकारी को जानते हैं, जो प्रशासनिक जिम्मेदारियों के साथ-साथ नियमित रूप से खेतों में काम करता है. अगर नहीं! तो आपको संगरूर में जिला उपायुक्त के पद पर तैनात रामवीर सिंह से मिलना चाहिए | जो आपने ड्यूटी करने के बावजूद भी अपने खेत में काम करते हैं और उनको इस बात का घमंड भी नहीं है कि हम एक आईएएस officer है हरवा अपना काम बखूबी निभाते हैं और वह एक गरीब परिवार से बिलॉन्ग करते हैं और वह खेतों में काम करने से कभी शर्माते भी नहीं है |

इंसान को याद रखना चाहिए कि वो कहां से आता है. मिट्टी व खेती को बचाकर रखना हर किसान परिवार के बेटे का फर्ज है. यही कारण है कि सरकारी ड्यूटी से उन्हें जब भी वक्त मिलता है वो अपने खेतों में समय बिताना पसंद करते हैं. बता दें, रामवीर सिंह एक किसान परिवार से आते हैं.

और अपने बलबूते पर उन्होंने गांव के आम लड़के से एक आईएएस अफसर बनने तक का सफ़र तय किया है. प्रशासिन सेवा के साथ किसानी के लिए समय निकालकर अब वो मिसाल बन रहे हैं | गरीब परिवार से आते हैं लेकिन कभी भी उन्होंने घमंड नहीं किया कि हम एक आईएएस ऑफीसर है हम कैसे खेत में काम करेंगे और यह सब बात को ध्यान में ना रखा और आपने कदम को आगे बढ़ाते हुए और फिर एक दिन आईएएस बन गया |

बता दें, हरियाणा के झज्जर में पैदा हुए रामवीर सिंह एक किसान परिवार से आते हैं. उनके पिता सरकारी नौकर थे, लेकिन रिटायरमेंट के बाद खेती-बाड़ी से जुड़े रहे. दिल्ली के जेएनयू से राजनीति शास्त्र में बीए, एमए करने के बाद रामवीर ने सिक्योरिटी रिलेशंस में एमफिल का डिग्री ली | साथ में खुद को सिविल सर्विसेस के लिए तैयार किया. अंतत: 2009 बैच के आइएएस बनकर उन्होंने अपने परिवार का नाम रौशन कर दिया. 31 अगस्त 2009 को उन्हें पहली नियुक्ति मिली थी.

सोनू मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले है पिछले 4 साल से डिजिटल पत्रकारिता...