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बिहार में सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल बीच सड़कों पर बोरा बेचते नज़र आये है | बता दे की बिहार सरकार का आदेश है कि मिड-डे-मील के लिए अनाज जिस बोरे में आता है, उसे बेचकर प्रिंसिपल पैसा सरकार को दें। इसके लिए बकायदा सरकार ने रेट भी फिक्स किए हैं। इसके बाद से ही प्रिंसिपल स्कूल में पढ़ाने की बजाय सड़क पर बोरा बेचते दिखाई दे रहे हैं। ऐसा ही नजारा देखने को मिला बिहार के कटिहार के जिले के कड़वा प्रखंड में। जहां के एक सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल मुहम्मद तमीजुद्दीन हर सुबह अपने सिर पर खाली बोरियों का ढेर लेकर स्थानीय बाजार जाते हैं और उन्हें वहां बेचने की कोशिश करते हैं।

बिहार की प्रमुख विपक्षी पार्टी RJD ने इस मामले को लेकर बिहार के वर्तमान मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा है. वीडियो को शेयर करते हुए राजद ने कैप्शन में लिखा, ‘बिहार के नौकरीपेशा शिक्षक मिड-डे मील के बोरे बेच रहे हैं! दरअसल वित्तीय वर्ष 2014-2016 के लिए शिक्षकों को मध्यान्ह भोजन के बोरे 10 रुपये प्रति पीस बेचने का विभागीय आदेश मिला है! जब चूहों की बात आती है, सुशासन से पीड़ित बिहारी जानते हैं अरबों के बांध, शराब निगलने वाले चूहों की महिमा!

प्रिंसिपल से कहा गया है कि अगर वे जूट के बोरे बेचने और पैसे जमा करने में विफल रहे, तो उन्हें दंडित किया जाएगा। इसलिए पूरे बिहार में कई प्रिंसिपल और शिक्बिषक इस आदेश के विरोध में बोरियों की फेरी लगाने सड़कों पर उतर आए हैं।

सोनू मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले है पिछले 4 साल से डिजिटल पत्रकारिता...