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अपने जीवन में हर कोई कामयाबी की ऊंचाई तक जाना चाहता है।वह हर संभव कोशिश करता है कि सफलता के शिखर को छू सकें। लेकिन हर कोई इसे संभव नहीं कर पाता। जो सपनों के आगे घुटने नहीं टेकता, वही कामयाबी के शिखर तक पहुंच पाता है।बच्चों की कामयाबी के पीछे माता-पिता का बहुत बड़ा योगदान होता है।वे अपने बच्चों का भविष्य उज्जवल बनाने के लिये दिन-रात हर संभव प्रयास करतें हैं।

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इस पूरे संसार में मां ही एक ऐसी शख्स होती है जो बिना किसी स्वार्थ के अपने बच्चे को सफलता के मार्ग में आगे बढ़ानेऔर सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचने में मदद करती है। इसके लिये वह अपने सुख-सुविधाओं का भी त्याग करती है। एक मां खुद सभी प्रकार के कष्ट सहन कर अपने बच्चों को सारी सुविधायें उप्लब्ध करवाती हैं, ताकी उसके बच्चे को किसी भी प्रकार की कोई कमी न हो और वह जीवन में आगे बढ़ते रहे।

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मां के बारें जितना भी कुछ कहा जाये, वह कम ही है। बच्चे कभी चाहकर भी अपने माता-पिता का कर्ज नहीं उतार सकते।आज हम आपको एक ऐसी मां और बेटे के बारें में बताने जा रहें हैं जो अपने बेटे को सफल बनाने के लिये दिन-रात सिलाई करती रही। ख़ुशी की बात यह है कि उस मां के दोनों बेटों ने पढ़-लिख कर बड़ा अधिकारी बन एक मिसाल कायम कर दी।

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अपने माता-पिता के बलिदान और संघर्ष को देखकर पंकज और अमित दोनों भाईयों ने दृढ़ निश्चय कर लिया थाकि वह सपना जरुर पूरा करेंगें और अपने मां-बाप का सर गर्व से ऊंचा करेंगें। ये दोनों भाईयों ने जम कर तैयारी शुरु की और उनकी मेहनत रंग लाई।

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पंकज और अमित दोनों भाइयों ने साल 2018 में यूपीएससी की परीक्षा में सफलता हासिल की। यूपीएससी की परीक्षा में पंकज को 443वीं रैंक और अमित को 600वीं रैंक मिली।पंकज और अमित के सफलता के बारें में उनके माता-पिता को सूचना मिली तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। उनके आँखो से खुशी के आंसू छलक आये।

सोनू मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले है पिछले 4 साल से डिजिटल पत्रकारिता...