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यूपीएससी की परीक्षा को अपने आप में सबसे कठिन और कड़ा एग्जाम माना जाता है | ऐसा कहा जाता है कीं अगर इंसान ठान ले तो वो दुनिया में कुछ भी कर गुजर सकता है | प्रत्येक वर्ष लगभग 1000 से भी कम सीटें होती है | और लगभग  10 लाख के करीब स्टूडेंट्स IAS एग्जाम के लिए अप्लाई करते हैं | ऐसे में सबसे तेज या बेस्ट अभ्यर्थी  का ही सिलेक्शन होता है |

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राजस्थान केएक छोटे से शहर अजमेर से आने वाली स्वाति मीणा पढ़ाई में शुरू से ही अव्वल छात्रा रही हैं।‌ मां का सपना था बेटी डॉक्टर बने, स्वाति भी डॉक्टर बनना चाहती थी। जब आठवीं क्लास में पढ़ रही थी, तब उनकी मुलाकात मां की एक कजन अधिकारी से हुई। तभी से उनकी ख्वाहिश अफसर बनने की हुई। लिहाजा 12वीं के बाद सिविल सर्विसेज की तैयारी शुरू कर दी परिवार वालो ने भी इनके इस सपने को साकार करने में साथ निभाया |

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मीडिया रिपोर्ट के अनुसार स्वाति एक गरीब घर की लड़की है और इनकी माँ मजदूरी करती है | ऐसे वक्त में पिता मदद करते रहे, समय-समय पर तैयारी करवाई और खुद साक्षात्कार लिया। स्वाति के बेहतर पढ़ाई में पूरी मदद की। यूपीएससी का एग्जाम दिया। साल 2007 के घोषित नतीजे में स्वाति ने 260वीं रैंक हासिल कर आईएएस अफसर बनने का गौरव प्राप्त किया। बैच की सबसे कम उम्र की आईएएस स्वाति ने 22 साल की उम्र में यह सफलता पाई। उन्हें मध्यप्रदेश कैडर आवंटित हुआ। स्वाति से जब एक इंटरव्यू के दौरान पूछा गया की आपके इस सफलता के पीछे किसका हाथ है तो स्वाति ने नाम आँखों से बताई की इसके पीछे मेरी मेहनत के साथ साथ मेरी माँ का भी अहम योगदान है |

सोनू मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले है पिछले 4 साल से डिजिटल पत्रकारिता...