AddText 07 19 02.50.52

उत्तर प्रदेश का एक शहर है आगरा, बही आगरा जिसको प्यार की नगरी बुलाते है। लेकिन यंहा प्यार सिर्फ ताजमहल में देखने को मिलेगा रिस्तो में नहीं। यंहा के एक कपूत ने बो शर्मनाक हरकत की जिसने सारे रिस्तो को शर्मशार कर दिया, इस घटना को जिसने भी सुना उसका कलेजा मुंह को आ गया।

Also read: सासाराम, डीडीयू, प्रयागराज, कानपुर होते हुए यहाँ तक जायेगी ट्रेन बिहार से खुलने वाली 5 स्पेशल ट्रेन, जानिये टाइम टेबल के साथ रूट

Aagra में एक कपूत ने अपनी बीबी के साथ मिलकर अपनी बुजुर्ग दिव्यांग मां को जंगल में ले जाकर भूखा-प्यासा मरने के लिए छोड़ दिया। जब उधर से कुछ लोग गुजरे तो महिला जंगल में पड़ी मिली। सौभाग्य से जिन लोगो को बह महिला दिखी बह एक वृद्धाश्रम के कार्यकर्ता थे।

Also read: Railway News : हावड़ा से गांधीधाम और गया से आनंद विहार के लिए चल रही स्पेशल ट्रेन, जान लीजिये टाइम टेबल…

उन्होंने तुरंत वृद्ध महिला को जंगल से उठाकर, वृद्धाश्रम ले गए। जंहा उन्होंने भूखी महिला को खाना खिलाया। जब महिला की भूख शांत हुई तो उसकी आँखों से आंसू छलक पड़े और मुंह से कपूत की करतूत।

Also read: Vande Bharat Train : बिहार के इन 11 बड़े स्टेशन पर दौड़ेगी वंदे भारत ट्रेन, देख लीजिये लिस्ट आपके स्टेशन का नाम है की नहीं?

मामला आगरा के थाना सिकंदरा अंतर्गत कैलाश मंदिर के पास का है। पीड़ित बुजुर्ग महिला का नाम महादेवी है और पति का नाम स्व. अर्जुन सिंह। पीड़िता महिला राजामंडी क्षेत्र की निवासी है। पति की कई साल पहले मौत हो चुकी है। उनके दो बेटे है, जिसमे एक बेटा दिल्ली और दूसरा बेटा आगरा में नौकरी करता है।

Also read: हमसफर क्लोन,राजधानी, शताब्दी एक्सप्रेस और वन्दे भारत एक्सप्रेस को लेकर आया बड़ा अपडेट, इन लोगों के लिए रिजर्व रहेगी ट्रेन में सीट

पीड़िता बुजुर्ग महिला ने बताया कि पति से लड़कर दोनों बेटो को बड़े लाड-प्यार से पाला, पढ़ाया लिखाया और काबिल बनाया। कई राते बिना खाये गुजारी, फाटे कपडे पहने जिससे बच्चो का जीवन संवर जाए। और आज वे ही कपूत दिव्यांग मां को जंगल में छोड़ गए।

पीड़ित बुजुर्ग महिला के बेटे जितेंद्र की पत्नी का कहना है कि पति की प्राइवेट नौकरी है। महंगाई बहुत है, खुद के और घर खर्च चलाने मुश्किल हो रहे है। ऐसे में सास ने विस्तर पकड़ लिया, बीमार रहने लगी दबाइयो का खर्च बढ़ गया। और अब हम उनके ये सब खर्चे नहीं उठा सकते। और ना ही पूरा दिन बेड पर लेटी सास की सेवा कर सकते है। उनका दूसरा बेटा जो दिल्ली रहता है बह पहले ही खर्च उठाने से मना कर चुका है।

वृद्ध महिला को जंगल से रिकवर कर सकुशल आश्रम लाने बाले लोगो ने पीड़ता का दिल खोल कर स्वागत किया। उनका कहना है कि वृद्धा को परिवार ने ठुकराया है लेकिन हमने उसे अपनाया है। बो हमारे इस वृद्धाश्रम की एक नई सदस्य बन गई है। साथ ही उनके परिवार को समझाने का प्रयास जारी है।

सोनू मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले है पिछले 4 साल से डिजिटल पत्रकारिता...