aeb6d8f9 6e8b 42c5 9a6f 578c52bacb25 23

ऐसा कहा जाता है कीं अगर इंसान ठान ले तो वो दुनिया में कुछ भी कर गुजर सकता है | असंभव की भी एक न एक दिन शुरुआत करनी ही पड़ती है | और जब उसे स फलता मिलती है तो वही शख्स आने वाले पीढ़ी के लिए मार्ग दर्शन का कारण बनते हैं |  अगर किसी महिला का पति इस दुनिया से चल बसे तो लोग उस महिला को लाचार समझने लगते हैं. लोगों की नजर में एक महिला कमजोर होती है और अपने परिवार का पालन सही से नहीं कर सकती. अगर बात कहीं खेती किसानी की हो फिर तो महिला को इस क्षेत्र में शून्य माना जाता है |

Also read: पापा, IAS बन गया हूं…चिलचिलाती धुप में मजदूरी कर रहे थे पिता, आया बेटा का फ़ोन ख़ुशी के मारे खेत में ही निकले ख़ुशी के आंसू….पढ़िए कहानी

लेकिन समाज की इस सोच को गलत साबित किया है महाराष्ट्र, नासिक के माटोरी गांव की रहने वाली संगीता पिंगल ने. संगीता का कहना है कि वह उन सभी लोगों को गलत साबित करना चाहती थीं जो मानते हैं कि एक महिला खेती नहीं कर सकती. संगीता को अपने जीवन में एक बाद एक आए संकटों का सामना करना पड़ा |

Also read: घर की आर्थिक स्थिति थी खराब पिता करते थे चीनी मील में काम, बेटी ने खूब मेहनत की और पास की UPSC परीक्षा बनी आईएएस अधिकारी

साल 2004 में उन्होंने जन्म संबंधी जटिलताओं के कारण अपना दूसरा बच्चा खो दिया. इसके बाद साल 2007 में इनके पति एक सड़क हादसे में इस दुनिया को अलविदा कह गए. उन दिनों संगीता 9 महीने की गर्भवती थीं. इन घटनाओं के बाद संगीता टूट चुकी थीं लेकिन इनके ससुरालवालों ने इन्हें हिम्मत दी और इनका मनोबल बढ़ाया |

Also read: रिक्शा चलाकर-दूध बेचकर खूब संघर्ष करके बने मास्टर रिटायर हुए तो, गरीब बच्चे में बाँट दिए रिटायरी में मिले 40 लाख रूपये!


सोनू मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले है पिछले 4 साल से डिजिटल पत्रकारिता...