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आपने ऐसे बहुत से किस्से सुने होंगे, जिनमें लोग विपरीत परिस्थितियों में भी अपने लक्ष्य का पीछा नहीं छोड़ते। उनके लिए क्या संसाधन, क्या पैसा और क्या आराम। सब एक बराबर हो जाता है | कल्पना कीजिए जिस घर में सुबह की रोटी के बाद शाम की रोटी गारंटी ना हो, वह लड़की भला कौन-सा लक्ष्य निर्धारित करेगी। उसके लिए तो सबसे बड़ी कामयाबी यही होगी कि उसके घर का शाम का चूल्हा जल जाए।

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ऐसी परिस्थितियों के बीच भी उसने पुलिस अफसर बनने का सपना देखा और उसे पूरा भी किया। आइए जानते हैं क्या है उस लड़की की कहानी। इस लड़की का नाम (Tejal Aaher) है। जो कि महाराष्ट्र के नासिक (Nashik) जिले में रहती है। जिसके बाद उन्हे ‘पुलिस उपनिरीक्षक’ का पद मिला है। हालांकि, इसके बाद आप ये भी सोच सकते हैं कि आख़िर इसमें कौन-सी बड़ी बात है, बहुत से लोग ऐसी परीक्षाएँ हर साल पास करते हैं।

लेकिन हमने देखा कि लोग ऐसी परीक्षाओं की तैयारी के लिए किसी कोचिंग सेंटर (Coaching Centre) को ज्वाइन कर लेते हैं। जहाँ उन्हें उचित मार्गदर्शन मिलता है। परन्तु तेजल के घर पैसों की बेहद तंगी थी। जिसके चलते वह कोई कोचिंग सेंटर तक नहीं ज्वाइन कर सकती थी। तेजल के पिता बताते हैं कि उनकी माँ ने बचपन में ही बेटी को अफसर बनाने का सपना देखा था। उनकी माँ बचपन में अक्सर कहा करती थी कि तेजल अपनी ट्रेनिंग पूरी करने के पंद्रह महीने बाद जब घर वापस आई, तो इस दौरान उसके शरीर पर पुलिस की वर्दी देख, उनके पिता का सीना गर्व से चौड़ा हो गया।

सोनू मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले है पिछले 4 साल से डिजिटल पत्रकारिता...