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राजधानी पटना के लोग हो जाएं अलर्ट हेलमेट लगाने के पश्चात भी उनका कट सकता है चालान, जी हां, पिछले 1 सप्ताह से कई प्रमुख चौक चौराहों पर वाहन चेकिंग ट्रैफिक पुलिस खड़ी हुई है और चेकिंग कर फाइन से बचने हेतु चक्कर में लोग हेलमेट खरीद रहे हैं। हेलमेट की मांग लगातार बढ़ने से सड़क किनारे लोग हेलमेट लिए बैठै हैं | लोग सड़क किनारे से हेलमेट को लेकर फाइंन से बचना चाह रहे हैं।

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जी हां, क्योंकि दुकानदार यह नकली हेलमेट को आईएसआई प्रमाणित बताकर खुलेआम बेच रहे हैं। हालांकि इन हेलमेट पर आइएससआइ सिर्फ पेंट से लिखा होता है। और पैसे बचाने हेतु पुलिस के चालान से बचने के लिए औपचारिकता के लिए सस्ते हेलमेट लोग खरीद लेते हैं और दुर्घटना में अधिकांश मौतें हो जाती है और यह हेलमेट काम नहीं आती हैं |

बता दें वर्तमान समय में अच्छे हेलमेट की क्वालिटी के लिए अधिक जोर दिया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार 60% हादसों में बाइक चालक ने हेलमेट नहीं पहना थी या फिर बेकार हेलमेट पहना था जिसके कारण मृत्यु हो गई। उपर्युक्त मृत्यु दर देखने तथा दुर्घटनाओं से हुई मृत्यु दर रोकने हेतु केंद्र सरकार ने 1 जून से नया हेलमेट सुरक्षा कानून हेलमेट फॉर राइट्स ऑफ टू व्हीलर मोटर व्हीकल 2020 को लागू कर दिया है |

बिना आईएसआई मार्क के तथा बेकार क्वालिटी वाले हेलमेट बेचने तथा बनाने पर बीआईएस एक्ट के सेक्शन 17 के द्वारा 2 लाख तक का जुर्माना भी लगाया जाएगा।  हेलमेट के रेट और क्वालिटी यानी के आईएसआइ मार्क वाले हेलमेट के रेट 1000 से 2500 तक बाजार में उपलब्ध है। दूसरी तरफ नकली हेलमेट के रेट 500 ,दोपहिया वाहन चालकों के लिए कंपनियों को बाइक स्कूटर के साथ हेलमेट देने संबंधित निर्देश दिए गए हैं। 

भारत मानक ब्यूरो की क्षेत्रीय प्रमुख सुमन गुप्ता कहती हैं नकली हेलमेट बेचना अपराध है। साथ ही हमेशा आईएसआई मार्क वाली हेलमेट पहनना अनिवार्य कर दिया गया है। और जो बिना आईएसआई स्टैंडर्ड वाली हेलमेट बेचेगा या रूल का पालन ​​नहीं करेगा उसपर कार्यवाही होगी कहती हैं हेलमेट का वजन अब 1.2 किलोग्राम होना अनिवार्य है।

सोनू मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले है पिछले 4 साल से डिजिटल पत्रकारिता...