आरजेडी के अध्यक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने एक बार फिर से विधायक को पीटने वाले दोषियों को बर्खास्त करने की अध्यक्ष से मांग की है सबूत के साथ अध्यक्ष साहब को लिखा पत्र
उसे किसी भी तरह से सामान्य लोकतांत्रिक घटना नहीं माना जा सकता. विपक्ष के निहत्थे माननीय सदस्यगण शांतिपूर्ण ढंग से धरना-प्रदर्शन करते हुए अपने लोकतांत्रिक अधिकारों का प्रयोग कर विरोध कर रहे थे तो सत्य को सामने लाने का संविधान प्रदत्त अपने कर्तव्यों का ही तो निर्वहन कर रहे थे,
जिसकी वो सदस्य बनते समय शपथ लेते है. वो संविधान एवं लोकतंत्र की रक्षा करने का ही तो प्रयास कर रहे थे.
लेकिन सरकार के इशारे घर पुलिस प्रशासन द्वारा लिसा का जो नंगा नाच किया गया यह विशेष पुलिस बल को विशेष अधिकार देने के खतरे का एक झांकी भर है.
माननीय महिला विधायकों के साथ जो अवर्णनीय दुर्व्यवहार किया गया उसने तो लोकतंत्र की सारी स्थापित मर्यादाओं को तार-तार कर दिया जोकि संसदीय लोकतंत्र में न तो कहीं देखा गया और न ही कहीं सुना गया
महोदय, विदित हो कि जिन माननीयों पर अत्याचार किया गया तो राज्य के विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों से करोड़ो-करोड जनता द्वारा निर्वाचित है. महोदय, आपके संरक्षक रहते यह हमला सिर्फ माननीय सदस्यों पर ही नहीं बल्कि लोकतंत्र के मंदिर पर किया गया हमला है.
महोदय यह सरकार जनता द्वारा चुने गए प्रतिनिधियों के संवैधानिक अधिकारों की सुरक्षा कर उसे पैरों तले रोदने का प्रयास करती है,
उसे सत्ता में रहने का कोई अधिकार नहीं है. विधानसभा को जालियावाला बाग बनाने का प्रयास करने वाल अधिकारियों को बर्खास्त करने की मांग करते हैं