विदेश से लौटकर की UPSC की तैयारी पूजा यादव विदेश से नौकरी छोड़कर हिंदुस्तान लौटीं और यूपीएससी की तैयारियों में जुट गईं। आज पूजा यादव देश की काबिल आईपीएस हैं। गुजरात पोस्टेड हैं। मूलरूप से हरियाणा की रहने वाली हैं। पूजा यादव की सक्सेस स्टोरी युवाओं को प्रेरित करने वाली है। कौन हैं आईपीएस पूजा यादव? बता दें कि 20 सितंबर 1988 को जन्मी पूजा यादव का बचपन हरियाणा में बीता।

पूजा यादव ने गोधरा की एसपी डॉ. लीना पाटिल के अंडर में अपनी ट्रेनिंग पूरी की थी। ट्रेनिंग के बाद इन्हें सितम्बर 2020 में गुजरात के बनासकांठा जिले के थराद में एएसपी के रूप में पहली पोस्टिंग मिली। ये थराद में नियुक्त होने वाली पहली महिला आईपीएस हैं। रिसेप्शनिस्ट का काम करके निकाला खर्च पूजा यादव की फैमिली की आर्थिक स्थित बहुत अच्छी नहीं है।

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पूजा ने रिसेप्शनिस्ट का काम करके और बच्चों को ट्यूशन पढ़ाकर एमटेक की पढ़ाई का खर्च निकाला। बायो टेक्नोलॉजी में इंडिया में जॉब के अवसर कम मिलने पर पूजा विदेश चली गईं।कनाड़ा और जर्मनी में जॉब किया। क्यों छोड़ी विदेश की जॉब? पूजा कहती हैं कि जब वे जर्मनी में जॉब कर रही थीं तो उन्हें अहसास हुआ कि वे जर्मनी के विकास में योगदान दे रही हैं.

जबकि वे देश के लिए कुछ करना चाहती थीं। ऐसे में जॉब छोड़कर इंडिया आई और यूपीएससी की तैयारियों में जुट गईं। दूसरे प्रयास में मिली सफलता विदेश से लौटकर यूपीएससी की परीक्षा में पहली बार में अफसलता मिली, मगर उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और साल 2018 में पूजा का ख्वाब पूरा हो गया। अपने दूसरे प्रयास में पूजा यादव आईपीएस बन गईं। आईएएस विकल्प भारद्वाज से की शादी बता दें कि पूजा यादव ने 18 फरवरी 2021 को आईएएस विकल्प भारद्वाज से शादी की है।

विकल्प भारद्वाज साल 2016 के केरल कैडर के आईएएस अधिकारी हैं। पूजा व विकल्प की मुलाकात मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी में हुई थी। शादी के बाद विकल्प भी कैडर बदलकर गुजरात आ गए। थराद में पूजा यादव का उल्लेखनीय काम पूजा यादव कहती हैं कि थराद के एक तरफ पाकिस्तान तो दूसरी ओर राजस्थान की सीमा लगती है। थराद गैम्बलिंग का हब भी है। पूजा यादव थराद में 1.5 करोड़ से ज्यादा की शराब जब्त कर चुकी हैं। गांजा तस्करों को सलाखों के पीछे पहुंचा चुकी हैं और जिस्मफरोशी के धंधे का भी भांडाफोड़ किया है।

सोनू मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले है पिछले 4 साल से डिजिटल पत्रकारिता...