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 टोक्यो ओलंपिक में बॉक्सर सतीश कुमार भले ही हार गए हों, लेकिन उन्होंने देशवासियों का दिल जीत लिया। सात टांके लगने के बाद भी बॉक्सर सतीश कुमार एक चैंपियन की तरह लड़े। उनके इसी जोश और जज्बे ने लोगों का दिल जीत लिया। सतीश कुमार के इसी जज्बे को सलाम करते हुए हरियाण कैडर के आईपीएस अफसर पंकज नैन ने कहा, ”चट्टान की तरह है हमारे खिलाड़ी! जब रिंग में सतीश कुमार उतरे तो चेहरे पर कई टांके लगे थे। पिछले मैच में गहरी चोट लगी थी। सामने विश्व का नंबर एक मुक्केबाज था। फिर भी आप के एक चैंपियन की तरह लड़े।’

पंकज नैन 2007 बैच के आईपीएस अफसर हैं। हरियाणा सरकार ने आईपीएस अधिकारी पंकज नैन को खेल एवं युवा मामले विभाग में खेलो इंडिया का ओएसडी नियुक्त किया था। साइक्लिस्ट, फिटनेस फ्रीक होने के साथ-साथ सोशल मीडिया पर काफी ऐक्टिव रहते हैं। आईपीएस ने रविवार को बॉक्सर सतीश कुमार की हार के बाद उनकी तस्वीरें शेयर करते हुए कहा कि जीत या हार चैंपियन तय नहीं करती- इच्छा और दृढ़ संकल्प करते हैं।

सात टांके लगने के बावजूद रिंग में उतरे सतीश कुमार

टोक्यो ओलंपिक में बॉक्सर सतीश कुमार 91 किग्रा भार वर्ग में उजबेकिस्तान के बखोदिर जालोलोव से हार गए। जालोलोव ने उन्हें 5-0 से शिकस्त दी है। इस हार के साथ सतीश कुमार का टोक्यो ओलंपिक में मेडल जीतने का सपना भी टूट गया। बता दें,प्री क्वार्टर फाइनल में सतीश को चोट लगी थी, उन्हें सात टांके लगे थे। इसके बावजूद वह रिंग में उतरे। इस दौरान उन्होंने विश्व चैंपियन जालोलोव को कड़ी टक्कर दी। उन्होंने बखोदिर जालोलोव को घायल भी किया, लेकिन मुकाबला जीत नहीं पाए।

‘हार जीत खेल का हिस्सा है महत्वपूर्ण बात साहस और जज्बा होना चाहिए’ सतीश कुमार मैच में भले ही हार गए हों, लेकिन अपने जब्जे को लेकर लोगों के दिलों में जगह बना गए। सोशल मीडिया के जरिए लोग सतीश कुमार की बहादुरी को सलाम कर रहे हैं। आईपीएस पंकज नैन के पोस्ट पर भी यूजर्स कमेंट कर रहे हैं। एक यूजर ने लिखा, ”गर्व है हमें हमारे बहादुर खिलाड़ियों पर। हार जीत खेल का हिस्सा है। महत्वपूर्ण बात साहस और जज्बा होना चाहिए।”

सोनू मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले है पिछले 4 साल से डिजिटल पत्रकारिता...