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भारत में जुगाड़ की कमी नहीं है। कब क्या चीज का अविष्कार हो जाएगा पता ही नहीं चलता है। मतलब आप कह सकते हैं कम लागत और शॉर्टकट तरीके से बढ़िया चीज का आविष्कार करना तो कोई भारतीय लोगों से सीखे। कुछ ऐसा ही अजूबा कलाकृति करके दिखाई है। ब‍िहार के गया जिले की चंदौती सरकारी स्कूल की शिक्षिका सुष्मिता सान्याल ने कमाल कर दी। इन्होंने मिट्टी के घड़े का उपयोग कर एक अजूबा कूलर बनाया है जो इन दिनों सोशल मीडिया पर काफी चर्चा का कारण बन चुका है।

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बता दे की इस कूलर को बनाने में बेकार पड़े पेंट की बाल्टी और वाटर रबर तथा बाजार से एक पंखा और एक मोटर की जरूरत पड़ती है। शिक्षिका बताती है उन्होंने मात्र 500 रुपये खर्च कर एक घड़े वाले कूलर को बना दिया। यह कूलर को बनाने में बाजार से सिर्फ एक प्लास्टिक फैन की खरीदारी की गई है। बाकी अन्य सामानों को घर से निकले कचड़े का इस्तेमाल किया गया है।

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इन सभी सामानों को बाजार खरीदने से 400-500 रुपये का खर्च आएगा। यह कूलर बिल्कुल आवाज नहीं करता है। इस कूलर में काफी ऊर्जा की जरूरत नहीं होती है। एक तरह से कह सकते है कि यह कूलर इको फ्रेंडली है। बताती है घड़ा वाले कूलर में एक बाल्टी में घड़ा रखकर उसमें पानी भर दिया जाता है.

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और घड़ा में एक मोटर लगा रखी है जो बाल्टी के अंदर हिस्से में ऊपर से पानी गिराता रहता है। घड़ा का पानी ठंडा रहता है। जैसे ही फैन चलता है। फैन घड़े के पानी की नमी को ऑब्जर्व करता है और बाहर के छिद्र से हवा फेंकता है।

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सोनू मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले है पिछले 4 साल से डिजिटल पत्रकारिता...