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सूरत के हीरा व्यापारी महेश सवाणी की ओर से हर साल पिता का साया खो चुकीं बेटियों की शादी करने का आयोजन किया जाता है। इस साल भी ‘चुनरी महियर’ के नाम से सामूहिक विवाह का आयोजन किया गया है, जिसमें 300 बेटियों का विवाह होगा। आगामी 4-5 दिसंबर को होने वाले सामूहिक विवाह समारोह के संबंध में शनिवार-रविवार को बैठक आयोजित की गई। बैठक में दो दिन में 240 बेटियां अपनी मां और रिश्तेदारों के साथ शामिल हुईं।

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बैठक में शादी का सपना साकार होते देख पिता की छत्रछाया खो चुकीं बेटियाें की आंखें छलक आईं। बता दें, पीपी सवाणी परिवार द्वारा वर्ष 2008 से अलग-अलग राज्यों, जातियों और धर्मों की बेसहारा बेटियों का सामूहिक विवाह कराया जाता है। सामूहिक विवाह कार्यक्रम अब्रामा में आयोजित किया जाता है।

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शनिवार-रविवार को इस संबंध में बैठक आहूत की गई थी, जिसमें बेटियां अपनी मां के साथ मौजूद थी। सामूहिक विवाह में शामिल होने वाली कई बेटियाें के माता-पिता दोनों ही जीवित नहीं हैं। घर जैसे शादी का माहौल और तैयारियों को देखकर बेटियों के आंसू छलक पड़े। बैठक में कई भावुक दृश्य देखने को मिले।

आयोजक महेश सवाणी ने बताया कि इस साल 300 बेटियों के सामूहिक विवाह का आयोजन किया गया है। कोरोना संक्रमण की स्थिति रही तो सरकार की गाइडलाइन का पूरी तरह से पालन किया जाएगा। अगर ऐसा भी संभव नहीं हो सका तो हर बेटी की शादी उसके घर पर करवाएंगे। यह कोई राजनीतिक कार्यक्रम नहीं है।

पीपी सवाणी ग्रुप से जुड़ी रिद्धि पटेल ने बताया कि सामूहिक विवाद की तैयारियां शुरू हो गई हैं। शनिवार को हुई बैठक में मौजूद बेटियां माता-पिता का जिक्र करते हुए भावुक होकर रोने लगीं। इससे बैठक में मौजूद सभी लोग भी भावुक हो गए। रिद्धि ने बताया कि संस्था द्वारा पूरी कोशिश की जाती है.

कि शादी के दौरान बेटियों को माता-पिता की कमी न खले। इसलिए शादी के दौरान घर में होने वाली सभी रश्मों को किया जाता है। उनके परिवार और रिश्तेदारों को भी शामिल किया जाता है। 

सोनू मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले है पिछले 4 साल से डिजिटल पत्रकारिता...