AddText 07 13 09.55.13

अगले दो दिन धरती के लिए बेहद अहम हैं। इसकी वजह है एक सोलर स्टॉर्म। सूरज से उठा यह तूफान करीब 1.6 लाख प्रतिघंटे की रफ्तार से धरती की तरफ बढ़ रहा है। इसके आज या कल तक धरती से टकराने की आशंका है। स्पेसवेदर वेदर डॉट कॉम के हवाले से आई रिपोर्ट के मुताबिक इस टकराहट खूबसूरत रोशनी निकलेगी।

Also read: बिहार के इन क्षेत्रों में तेज बारिश की संभावना कई इलाके में वज्रपात के साथ भयंकर आंधी तूफ़ान, जानिये अपने क्षेत्र का हाल?

इस रोशनी को उत्तरी या दक्षिणी पोल पर रह रहे लोग रात के वक्त देख सकेंगे। अगर यह सौर्य तूफान आता है तो धरती जीपीएस, मोबाइल फोन और सैटेलाइट टीवी के साथ ऐसे रेडियो फ्रीक्वेंसी से चलने वाले अन्य उपकरणों को प्रभावित कर सकता है।

Also read: Dolly Chaiwala Viral Video : दुसरे को एक टपरी में चाय पिलाने वाला खुद बुर्ज खलीफा में पीते दिखा कॉफी, लोग बोल रहे डॉली भाई का जलवा है

क्या है सोलर स्टॉर्म
धरती की मैग्नेटिक सतह हमारी मैग्नेटिक फील्ड द्वारा तैयार की गई है और यह सूरज से निकलने वाली खतरनाक किरणों से हमारी रक्षा करता है। जब भी कोई तेज रफ्तार किरण धरती की तरफ आती है तो यह मैग्नेटिक सतह से टकराती है। अगर यह सोलर मैग्नेटिक फील्ड दक्षिणवर्ती है तो पृथ्वी के विपरीत दिशा वाली मैग्नेटिक फील्ड से मिलती है।

Also read: Bihar Weather Update : बिहार के लोगों को मिलने वाली है गर्मी से राहत इस तारीख को होगी मुसलाधार बारिश, भारी वज्रपात के साथ गिरेंगे ओला पत्थर जाने…

तब धरती की मैग्नेटिक फील्ड प्याज के छिलकों की तरह खुल जाती है और सौर्य हवाओं के कण ध्रुवों तक जाते हैं। इससे धरती की सतह पर मैग्नेटिक स्टॉर्म उठता है और धरती की मैग्नेटिक फील्ड में तेज गिरावट आती है। यह करीब 6 से 12 घंटों तक बरकरार रहती है। इसके कुछ दिनों के बाद मैग्नेटिक फील्ड खुद से ठीक होने लगती है।

Also read: पूरा सज-धजकर बारात लेकर निकल रहा था दूल्‍हा, उधर प्रेमिका कर रही थी इंतजार सामने आते ही चेहरे पर फेंका एसिड, उसके बाद…

ऐसे डाल सकता है असर
आज सबकुछ टेक्नोलॉजी पर आधारित है। यह तय बात है ​कि मौसम खराब होने पर कोई टेक्नोलॉजी काम नहीं आती। सोलर स्टॉर्म के दौरान धरती की सतह पर तेज बिजली की धारा का प्रवाह होता है। इसके चलते कई बार पावर ग्रिड तक फेल हो जाती हैं। कुछ जगहों पर तेल और गैस की पाइपलाइनों पर भी इनका असर देखा गया है।

इसका असर हाई फ्रीक्वेंसी रेडियो कम्यूनिकेशन पर होने से जीपीएस वगैरह भी काम करना बंद कर देते हैं। अब सवाल उठता है कि सोलर स्टॉर्म कितनी देर तक रहता है। यह कुछ मिनटों से लेकर घंटों तक रह सकता है। लेकिन धरती की चुंबकीय सतह और वातावरण में इसका प्रभाव दिनों से हफ्तों तक रहता है।

यह है इसके पीछे का विज्ञान
सोलर स्टॉर्म धरती की मैग्नेटिक फील्ड और किसी तरंग या बादल की मैग्नेटिक फील्ड से होने वाले टकराव के चलते पैदा होता है। गौरतलब है कि ब्रह्मांड की शुरुआत में सूरज पर तूफान उठा करते थे। नए साक्ष्य बताते हैं कि जीवन की उत्पत्ति में भी इनकी भूमिका है। आज हम जितना सूरज को देख रहे हैं करीब 4 अरब साल पहले यह इसका सिर्फ तीन चौथाई चमक वाला था। लेकिन इसकी सतह पर होने वाले घर्षण से उत्पन्न होने वाले सौर्य पदार्थ ने अंतरिक्ष में विकिरण पैदा किया।

इन्हीं ताकतवर सौर्य विस्फोटों ने धरती को गर्म करने वाली ऊर्जा दी। नासा की टीम द्वारा किए गए रिसर्च के मुताबिक इसकी ही बदौलत मिलने वाली ताकत ने साधारण मॉलीक्यूल्स को कॉम्पलेक्स मॉलीक्यूल्स जैसे आरएनए और डीएनए में ​तब्दील किया, जो कि जीवन के लिए जरूरी था। यह रिसर्च नेचर जियोसाइंस में 23 मई 2016 को प्रकाशित हुआ था।

साभार :- Hindustan

सोनू मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले है पिछले 4 साल से डिजिटल पत्रकारिता...