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समय के साथ ग्लोबल वॉर्मिंग और जलवायु परिवर्तन जैसे खतरों की वज़ह से क्लीन एनर्जी के लिए वैज्ञानिक बहुत प्रकार से प्रयास कर रहे हैं और अब उन्हें अपने 10 वर्षों के कठिन परिश्रम का नतीजा मिल रहा है। दरअसल वैज्ञानिक पिछले 10 वर्षों से दुनिया का सबसे बड़ा चुंबक तैयार करने में लगे थे और अब उनकी कोशिशें कामयाब होने जा रही हैं।

यह चुम्बक बहुत तरह से पृथ्वी में परिवर्तन ला सकता है। ये विशाल चुम्बक इंटरनेशनल थर्मोन्यूक्लियर एक्सपेरिमेंटल रिएक्टर का पार्ट है। जिसका उद्देश्य पृथ्वी पर ही सूर्य के लेवल की एनर्जी निर्मित करना है।

इस मैग्नेट की लम्बाई 59 फीट और इसका व्यास 1 फीट होगा। इस मैग्नेट के वज़न की बात करें तो यह 1000 टन का होगा। इसे एटॉमिक्स द्वारा डिजाइन और मैनुफेक्चर जनरल किया गया है। आपको बता दें कि यह इतना पावरफुल होगा.

कि 1000 फीट लंबे व 1 लाख टन के एयरक्राफ्ट कैरियर को भी भूमि से 6 फीट तक ऊपर उठाने में सक्षम रहेगा। इसकी क्षमता इतनी ज़्यादा होगी कि यह पृथ्वी की मैग्नेटिक फील्ड से 2 लाख 80 हज़ार गुना अधिक पावरफुल रहेगा।

सोनू मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले है पिछले 4 साल से डिजिटल पत्रकारिता...