AddText 07 10 07.05.45

महेंद्र सिंह धोनी का भारत देश की आर्मी के प्रति प्यार जग-जाहिर है। साल 2011 में महेंद्र सिंह धोनी भारत को एकदिवसीय वर्ल्ड कप जिताने वाले दुसरे कप्तान बने। जिसके बाद महेंद्र सिंह धोनी भारतीय सेना में बतौर लेफ्टिनेंट कर्नल शामिल हो गए।

Also read: Vande Bharat News : लोगों का वर्षों का इंतजार हुआ पूरा अब इस रूट पर दौड़ने के लिए तैयार है वन्दे भारत एक्सप्रेस, जानिये….

लेफ्टिनेंट कर्नल बनने के बाद पूर्व भारतीय कप्तान ने आगरा में फाइटरप्लेन से पांच बार पैराशूट की मदद से कूदने की ट्रेनिंग ली और पैराट्रूपर बन गए। जब भारतीय टीम 2019 के वर्ल्डकप का सेमीफाइनल मैच हार के

Also read: Vande Bharat Express : भागलपुर – हावड़ा के बीच चलाई जायेगी वन्दे भारत एक्सप्रेस, बचेंगे समय मिलेगी लग्जरी सुविधा, जानिये….

वर्ल्डकप से बाहर हो गई, उसके बाद धोनी ने क्रिकेट से विश्राम लिया और जम्मू कश्मीर में जाके दो हफ्तों तक सेना के साथ रहे। आज हम आपको उनके 40वे बर्थडे पर कुछ 4 ऐसे वाक्य बताने जा रहे है। जहां धोनी का आर्मी के प्रति लगाव किसी से नहीं छुपा।

Also read: Petrol Disel Price : इन जगहों पर लगातार कम रहे तेल की कीमत, इन शहरों में हो रही महंगा जाने आपके क्षेत्रो में कितनी है भाव…

साल 2018 में जब महेंद्र सिंह धोनी को पद्मभूषण से देश के राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद नवाज रहे थे। तब महेंद्र सिंह धोनी ने आर्मी यूनिफार्म पहन रखी थी, उनका ऐसा कहना कि बचपन से ही उन्हें आर्मी में जाना था और उनका वो सपना पूरा हो गया है।

Also read: भागलपुर से राजधानी पटना और दिल्ली के लिए सफ़र करना हुआ आसान जान लीजिये समय-सारणी और टाइम टेबल…

साल 2019 में हुए वर्ल्ड कप का पहला मैच भारत के दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ हुआ। उस मैच में ने जो विकेट कीपिंग ग्लव्स पहने थे। उसमें बलिदान बैज बना हुआ था। हम आपको बता दे बलिदान बैज सिर्फ पैरट्रूपर को दिया जाता है, लेकिन उस मैच के बाद बहुत कंट्रोवर्सी हुई, जिसके चलते धोनी ने वो ग्लव्स दुबारा कभी नहीं पहने लेकिन इस बात को लेकर पूरा देश उनका कायल हो गया।

हमले के दोषी अफजल गुरु की फांसी के खिलाफ जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में एक कार्यक्रम के बाद अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर सवाल उठाए जाने लगे। तब महेंद्र सिंह धोनी ट्विटर के माध्यम से अपनी राय रखी। उन्होंने कहा देश के जवानों की इज्जत करना चाहिए। आज हम इस बात पर डिबेट भी इसलिए कर पा रहे है क्योंकि वर्दी में जवान खड़े है।

सोनू मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले है पिछले 4 साल से डिजिटल पत्रकारिता...