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एमएस धोनी, भारतीय क्रिकेट के सबसे सफल कप्तान. बात विश्वकप कप जीतने की हो या फिर विश्व में कहीं भी शानदार प्रदर्शन की. धोनी के फैसलों ने उन्हें वर्ल्ड क्रिकेट का कामयाब कप्तान बनाया. धोनी की फैसले लेने की क्षमता ही उनकी कामयाबी का सबसे बड़ा कारण रही है. फिर चाहे वो फैसला विश्वकप जैसे बड़े मंच पर हो या फिर किसी भी मैच के अंतिम ओवरों में.

धोनी ने आलोचकों की परवाह किए बिना मुश्किल फैसले लिए. और उनके नतीजे के रूप में मिली भारतीय क्रिकेट को कामयाबी. आज हम आपको धोनी के ऐसे ही कुछ फैसलों के बारे में बताएंगे जिन्होंने भारतीय क्रिकेट को बदलकर रख दिया.

साल 2007 में धोनी की कप्तानी में एक युवा टीम टी20 विश्वकप खेलने पहुंची. फाइनल इंडिया और पाकिस्तान के बीच खेला गया. उस मुकाबले में भारतीय टीम मैच के बीच में अच्छी स्थिति में दिख रही थी. लेकिन मिस्बाह उल हक ने टीम इंडिया के लिए मुश्किलें पैदा कर दी थीं. उन्होंने पारी के 17वें ओवर में हरभजन सिंह को तीन छक्के जड़ दिए. अब आखिरी ओवर में भारत को 13 रन बचाने थे.

पाकिस्तान के पास सिर्फ एक विकेट ही बचा था. जबकि भारत के पास मेन बोलर्स को छोड़ हरभजन और जोगिन्दर शर्मा का एक ओवर बाकी था. धोनी ने यहां पर अपना पहला बड़ा फैसला सुनाया. उन्होंने अनुभवी भज्जी को गेंद नहीं सौंपी और जोगिंदर शर्मा के हाथों में गेंद थमा दी. वो जोगिंदर जो पहली बार टीम इंडिया के साथ किसी सीरीज़ में थे. तब हर किसी के ज़हन में यही सवाल था कि आखिर ये किसे गेंदबाज़ी पर लगा दिया.

जोगी ने ओवर की शुरुआत पहली वाइड गेंद के साथ की. इसके बाद उन्होंने एक डॉट गेंद फेंकी. लेकिन अगली ही गेंद पर मिस्बाह ने छक्का मारकर करोड़ों भारतीयों को बड़ा झटका दे दिया. इसके बाद अगली ही गेंद पर मिस्बाह ने पैडल शॉट मारा लेकिन शॉर्ट फाइन लेग पर खड़े श्रीसंत ने ऊंची उछली गेंद को लपक लिया. उस नाज़ुक पल में रवि शास्त्री का एक-एक शब्द आज भी फैंस को याद हैं. जब उन्होंने कहा था,

2007 से भारतीय टीम के लिए खेल रहे रोहित शर्मा को सचिन तेंडुलकर, वीरेंद्र सहवाग और गौतम गंभीर की वजह से ओपनिंग स्लॉट नहीं मिल पा रहा था. साल 2011 में एक बार उन्हें पारी शुरू करने का मौका मिला. लेकिन वो उतना खास प्रदर्शन नहीं कर सके. लेकिन 2012 के खराब साल के बाद चैम्पियंस ट्रॉफी 2013 के लिए धोनी ने सहवाग और गंभीर दोनों से आगे देखना शुरू किया. इस बार उन्होंने रोहित शर्मा को बतौर ओपनर प्रमोट करने का फैसला किया.

सोनू मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले है पिछले 4 साल से डिजिटल पत्रकारिता...