प्रखण्ड की सभी 13 पंचायतों में राशन कार्ड बनाने में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की गई है। सरकार द्वारा तय मानकों की अनदेखी कर वास्तविक गरीब लाभुक को दरकिनार कर ऐसे लोगों का राशन कार्ड बनाया गया है,
जो सम्पन्न हैं। इनमें बैंक मैनेजर, सिपाही, पांच से दस एकड़ जमीन वाले किसान, चार पहिया वाहन रखने वाले तक के नाम से राशन कार्ड आवंटित किया गया है, जबकि योग्य लाभार्थी का राशन कार्ड नहीं बना।
ग्रामीणों द्वारा बताया गया कि राशन कार्ड बनाने में जिसने रिश्वत दी, उसका राशन कार्ड बन गया। लेकिन जिसने नहीं दिया, उसका नहीं बन पाया। कई पंचयतों में जनप्रतिनिधि द्वारा भी गरीबों की अनदेखी की गई। विदित हो अलीगंज में कुल 18372 एक्टिव राशन कार्ड है, जबकि 1359 राशन कार्ड नया बनाया गया है। इसमें जनप्रतिनिधि द्वारा भी वोट के लिए नियमों को ताक पर रख दिया गया है।
इस सम्बंध में बीडीओ मो. शमशीर मलीक ने बताया कि जो भी कार्ड बना है, आवेदन के जांचोपरांत बना है। यदि कोई लेन-देन की बात करता है तो वह निराधार है। वहीं प्रखण्ड आपूर्ति पदाधिकारी अजय कुमार ने बताया कि 2010-11 में जो सामाजिक आर्थिक जनगणना हुई थी,
पहले उसी के आधार पर राशन कार्ड बना है। आपूर्ति पदाधिकारी को इससे अलग रखा गया है, अब शिकायत आने के बाद जो दिशा निर्देश वरीय पदाधिकारियों द्वारा दिया जाएगा, उसका अनुपालन किया जाएगा।
साभार – hindustan