AddText 07 08 09.26.52

पीएम नरेंद्र मोदी के दूसरे कार्यकाल के पहले विस्तार में जदयू को मंत्रिमंडल में जगह मिली है. बिहार से दो नए चेहरों में जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामचंद्र प्रसाद सिंह यानी की RCP सिंह और लोजपा के एक गुट के राष्ट्रीय अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस को मोदी मंत्रिपरिषद में जगह मिली है.

इनके अलावा पूर्व से केंद्र में बिहार की नुमाइंदगी कर रहे आरके सिंह को भी प्रमोसन मिला है. गिरिराज सिंह और अश्विनी कुमार चौबे का मंत्रालय बदल दिया गया है. आरसीपी सिंह और राजकुमार सिंह IAS अधिकारी रहे हैं.

Also read: भागलपुर जिला में बनेगा एक और नया स्टेशन अब सफर होगा आसान, डीपीआर बनाने में जुट गई कम्पनी 

Also read: राजगीर से कोडरमा जाने वाली स्पेशल ट्रेन के समय-सारिणी में बदलाव हुआ…

मंत्रिमंडल विस्तार के साथ ही बिहार में मंत्रियों की संख्या फिर छह हो गई है. पीएम मोदी के दूसरे कार्यकाल के पहले मंत्रिमंडल में भी बिहार में छह मंत्री थे रामविलास पासवान के निधन के बाद यह संख्या घटकर पांच रह गई थी. स्व पासवान के जगह पर पशुपति कुमार पारस ने ली है. इस तरह रविशंकर प्रसाद के हटने से बिहार में मंत्रियों की संख्या छह ही रह गई है.

जदयू पहली बार मोदी मंत्रिमंडल में शामिल हुआ है. साल 2019 के गठन के समय आनुपातिक प्रतिनिधित्व नहीं मिलने से जदयू ने मंत्रिमंडल में शामिल होने से मना कर दिया था. लेकिन इस बार सीएम नीतीश कुमार ने विस्तार से एक दिन पहले ही यह साफ कर दिया था कि पुरानी बात खत्म हो गई है.

आरसीपी सिंह को पार्टी ने केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने पर फैसला लेने के लिए अधिकृत कर दिया है. आरसीपी सिंह ने कहा था कि सहयोगी दल के केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने से गठबंधन में सद्भाव और बढ़ता है.

आपको बता दें कि सीएम नीतीश कुमार के करीबी रहे जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह को केंद्र में इस्पात मंत्री बनाया गया है. आपको बता दें कि इससे पहले यह जिम्मेदारी धर्मेंद्र प्रधान की थी. उत्तर प्रदेश कैडर के आईएएस अधिकारी रहे आरसीपी सिंह को अब यह अहम मंत्रालय सौंपा गया है.

वहीं लोजपा के पारस गुट से पशुपति कुमार पारस को खाद्य प्रसंस्करण और उद्योग मंत्री बनाया गया है. आपको बता दें कि इस विभाग के मंत्री उनके दिवंगत भाई रामविलास पासवान भी रह चुके हैं. वर्तमान में नरेंद्र सिंह तोमर के पास इस मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार था. हरसिमरत कौर के इस्तीफे के बाद से वे इस विभाग को संभाल रहे थे.

अपने बयानों के कारण हमेशा मीडिया में रहने वाले गिरिराज सिंह को ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज जैसे बड़े मंत्रालय की कमान सौंपी गई है. ये पहले से केंद्र में मत्स्यपालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय संभाल रहे थे. उससे पहले वे सुक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम यानी की MSME मंत्री भी थे. नौकरशाह रहे राजकुमार सिंह को मोदी सरकार ने अच्छे कामों का इनाम दिया है.

बिहार के आरा से सांसद आरके सिंह अब तक केंद्रीय उर्जा राज्यमंत्री का स्वतंत्र प्रभार थे. उन्हें कैबिनेट में विद्युत एवं ऊर्जा मंत्रालय दिया गया है. इधर केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री अश्विनी कुमार चौबे की तो उनका विभाग भी बदल दिया गया है. उन्हें उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के साथ पर्यावरण एवं जलवायू परिवर्तन मंत्रालय में राज्य मंत्री बनाया गया है. आपको बता दें कि बुधवार की सुबह मीडिया में खबर यह भी चल रही थी कि अश्विनी चौबे ने भी इस्तीफा दे दिया है. लेकिन यह महज अफवाह निकली.

वहीं अगर हम बात पशुपति कुमार पारस की करे तो उनका भी कद अब बढ़ गया है. एनडीए का विश्वास हासिल करेन में वे सफल रहे हैं. वहीं चिराग पासवान अपने को प्रधानमंत्री का हनुमान बताते रहे, पर विश्वास प्राप्त करने में चूक गए. आपको बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव में जब चिराग ने एनडीए से अलग होकर चुनाव लड़ने का फैसला किया.

तो पशुपति कुमार पारस ने इसका विरोध किया था. वे शुरू से ही एनडीए के साथ ही चुनाव मैदान में जाने की वकालत करते रहे, पर चिराग पासवान नहीं माने. अब पशुपति कुमार पारस और चिराग पासवान दोनों ने पार्टी पर अपना दावा किया है और चुनाव आयोग के पास फरियाद की है.

साभार :- Bihari News

सोनू मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले है पिछले 4 साल से डिजिटल पत्रकारिता...