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बिहार में चकबंदी से जुड़े दस्तावेजों के डिजिटलाइजेशन और स्कैनिंग की योजना इस महीने के अंत या अगस्त के पहले सप्ताह से शुरू हो जाएगी। सीबीएसपीएल नामक एजेंसी को इसकी जिम्मेदारी दी गई है। सोमवार को एजेंसी ने पूरी प्रक्रिया को प्रेजेंटेंशन के जरिए दिखाया।

अपर मुख्य सचिव विवेक कुमार सिंह एवं सर्वे के निदेशक जय सिंह सहित अन्य अधिकारियों ने इसे देखा। प्रयोग के तौर पर एजेंसी को सुपौल जिला के पिपरा में 15 जुलाई से शुरू हो रहे आधुनिक अभिलेखागार के दस्तावेजों के डिजिटाइजेशन की जवाबदेही दी गई। काम संतोषजनक रहा तो सभी अभिलेखागारों का काम दिया जाएगा।

डिजिटल के अलावा दस्तावेजों को मूल रूप में भी सुरक्षित रखा जाएगा। अपर मुख्य सचिव ने बताया कि चकबंदी से जुड़े दस्तावेजों में ।4 साइज के कागजात के अतिरिक्त ।3 और ।2 साइज के बड़े दस्तावेज भी शामिल हैं।

एजेंसी इन दस्तावजों को संबंधित कार्यालय में जाकर डिजिटाइज करेगी। चकबंदी के ऐसे कार्यालयों की संख्या करीब 150 है। इसमें 39 सक्रिय हैं, जहां अभी चकबंदी का काम चल रहा है।

इस महीने 120 अंचलों में आधुनिक अभिलेखागार काम करने लगेगा। 534 में से 436 अंचलों में आधुनिक अभिलेखागार-सह-डाटाकेन्द्र का दो मंजिला भवन बनकर तैयार है। इन 436 अंचलों में से 267 अंचलों को संसाधन जुटाने के लिए 16 लाख 10 हजार रुपये दे दिए गए हैं।

सोनू मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले है पिछले 4 साल से डिजिटल पत्रकारिता...