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सहरसा सहित सात रेलवे कॉलोनियों में रेलकर्मियों और निजी लोगों के रहने के लिए अलग-अलग मल्टी स्टोरी अपार्टमेंट बनाए जाएंगे। रेलवे क्वार्टर को तोड़कर करीब एक चौथाई जमीन पर रेलकर्मियों के लिए मल्टी स्टोरी अपार्टमेंट बनाए जाएंगे। वहीं तीन चौथाई बची जमीन पर मल्टी स्टोरी अपार्टमेंट बनाकर 99 साल के लिए लीज पर निजी लोगों को दिया जाएगा।

अपार्टमेंट बनाने वाले डवलपर यानी कंपनी को तीन साल तक रेलकर्मियों के आवास का मुफ्त मेंटेनेंस करना होगा। तीन साल के बाद मेंटेनेंस रेलवे करेगी। वहीं निजी लोगों के आवास का मेंटेनेंस सोसायटी करेगी। निजी लोगों को अपार्टमेंट बेचने में मिले मुनाफे में रेलवे का भी हिस्सा होगा।

पीपीपी मोड(पब्लिक प्रायवेट पार्टिसिपेट) के तहत रेलवे कॉलोनियों के पुनर्विकास और रेलवे की बेकार पड़ी जमीन के व्यवसायिक उपयोग में लाने के लिए रेलवे ने यह व्यवस्था शुरू की है। इस कार्य को अमलीजामा पहनाने की जिम्मेदारी आरएलडीए (रेल भूमि विकास प्राधिकरण)  नई दिल्ली को दी गयी है।

रेल भूमि विकास प्राधिकरण नई दिल्ली के संयुक्त महाप्रबंधक प्रभात रंजन सिंह ने सहरसा शहर के पूर्वी रेलवे कॉलोनी के पुनर्विकास को लेकर शनिवार को निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान पहले उन्होंने सहायक मंडल अभियंता मनोज कुमार, एडीईएन स्पेशल ललन सिंह और सीनियर सेक्शन इंजीनियर प्रभात कुमार के साथ बैठक की।

उसके बाद एडीईएन मनोज कुमार और एसएसई प्रभात कुमार के साथ पूरे रेलवे कॉलोनी का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान रेलकर्मियों के आवास के मल्टी स्टोरी अपार्टमेंट कहां बने उसको लेकर विचार विमर्श किया। निजी लोगों से संबंधित अपार्टमेंट, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, कम्युनिटी हॉल कहां बने उस पर चर्चा की।

पटना में प्लेटफार्म नंबर दस के पीछे लोको कॉलोनी में मल्टी स्टोरी अपार्टमेंट निर्माण सहित अन्य कार्य के लिए एजेंसी(डवलपर) चयन को अगले माह टेंडर निकलेगा। यहां 59 क्वार्टर निर्माण सहित अन्य कार्य के लिए सर्वे पूरा कर लिया गया है।

मास्टर प्लान तैयार हो गया है। धनबाद की कंसल्टेंट कंपनी की रिपोर्ट आरएलडीए को मिल चुकी है। मुजफ्फरपुर के ब्रह्पुरा कॉलोनी में निर्माण के लिए साइट सर्वे पूरा किया जा चुका है। दरभंगा के दीवानी तकिया कॉलोनी में निर्माण के लिए दिल्ली की कंसल्टेंट कंपनी को बहाल किया गया है जो इसी माह सर्वे करेगी।

सोनू मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले है पिछले 4 साल से डिजिटल पत्रकारिता...