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देश में ग़रीबी किस तरह अपने पैर पसार चुकी है इसे इस बात से समझा जा सकता है कि एक भावी IAS को मजबूरी में प्लेटफार्म पर कुली का काम करना पड़ा और प्लेटफार्म पर ही बैठकर उसे अपनी पढ़ाई पूरी करनी पड़ी। बिना किताब-कापियों के उसे पढ़ाई करनी पडी। अच्छी बात ये रही कि आज उसे अपनी मेहनत का फल मिल गया है।

आज हम आपको ऐसे ही एक व्यक्ति की कहानी बताने जा रहे हैं। जिसके पास ना तो घर था, ना किताबें, ना ही नोट्स थे। कोचिंग की बात तो आप छोड़ ही दीजिए। बस उसके पास थे तो उसके सपने।

मूलत: केरल से तालुक रखने वाले श्रीनाथ (Shrinath) बेहद गरीब परिवार में पैदा हुए थे। परिवार के पास पैसे तो दूर की बात है रहने के लिए एक सही घर तक नहीं था। श्रीनाथ ने दसवीं तक पढ़ाई की और फिर एर्नाकुलम रेलवे स्टेशन पर कुली का काम शुरू कर दिया। इसके अलावा उनके पास विकल्प भी नहीं थे। इन सबके बीच उनके जहन में एक अलग ही सपना पल रहा था। पर उसे वह ग़रीबी के चलते समेटकर बैठे थे।

श्रीनाथ बताते हैं कि वह आगे पढ़ना चाहते थे। लेकिन परिवार भी चलाने की जिम्मेदारी उन्हीं के कंधों पर आन पड़ी थी। इसलिए कुली के काम को छोड़ा भी नहीं जा सकता था। साथ ही उनके पास किसी तरह के संसाधन भी तो नहीं थे, जो वह आगे पढ़ाई करते। ऐसे में सपनों को पीछे छोड़ कुली का काम करना ही था।

श्रीनाथ बताते हैं कि उस समय रेलवे ने स्टेशनों पर फ्री वाई-फाई की शुरूआत कर दी थी। उनके स्टेशन पर भी फ्री वाई फाई दिया जा रहा था। उन्होंने इस फ्री वाई-फाई को अपना हथियार बनाया और तय किया कि अब वह इस वाई-फाई के माध्यम से अपनी पढ़ाई पूरी करेंगे। लेकन ये इतना आसान नहीं था। क्योंकि वह दिनभर स्टेशन पर कुली का काम करते थे और रात में थक-हारकर घर जाते थे। ऐसे में पढ़ना तो संभव ही नहीं था।

श्रीनाथ इसी तरह से पढने के बाद दो बार UPSC की परीक्षा दे चुके हैं। लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी थी। जीवन को संघर्षो के साथ जीने वाले श्रीनाथ इससे हार मानने वाले नहीं थी। असफलता से सीख लेकर वह फिर आगे बढ़ चलते। फिर से परीक्षा की तैयारी उसी जोश और जज्बे के साथ शुरू कर देते। लेकिन संसाधनों के अभाव के चलते उनकी सीमाएँ भी थी। वह एक कोचिंग जाने वाले बच्चे की तरह नहीं पढ सकते थे।

श्रीनाथ बताते हैं कि वह दिन साल 2018 में आया जब उन्हें सफलता मिल गई। वह 2018 की KPSC (KERALA PUBLIC SERVICE COMMISSION) परीक्षा को पास कर चुके हैं। पेशे से कुली श्रीनाथ अपनी इस सफलता से फूले नहीं समा रहे थे। लोग हैरान थे कि भला एक कुली की नौकरी करने वाला आदमी कैसे देश की इतनी बड़ी परीक्षा को पास कर गया। लेकिन श्रीनाथ ने इस काम को कर दिखाया था। “AWESOME GYAN” श्रीनाथ के इस जज्बे को सलाम करता है।

सोनू मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले है पिछले 4 साल से डिजिटल पत्रकारिता...