विदेशी बाजारों में गिरावट के रुख के बीच स्थानीय मांग कमजोर रहने से दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में गुरुवार को अधिकांश तेल-तिलहनों के भाव में हानि दर्ज हुई. बेहद कमजोर मांग की वजह से सरसों, मूंगफली, सोयाबीन, सीपीओ सहित लगभग सभी तेल तिलहनों में गिरावट आई. बाजार सूत्रों ने बताया कि गुरुवार को शिकॉगो एक्सचेंज में दो प्रतिशत और मलेशिया एक्सचेंज में 0.6 प्रतिशत की गिरावट रही, लेकिन मांग बेहद कमजोर रहने से लगभग सभी तेल तिलहनों के भाव हानि दर्शाते बंद हुए.

उन्होंने कहा कि देश में सरसों की दैनिक खपत साढ़े तीन से चार लाख बोरी की है लेकिन ‘ऑफसीजन’ खत्म होने के बाद आगे जाकर इसकी मांग काफी बढ़ेगी. व्यापारियों के पास सरसों नहीं है और तेल मिलों के पास सीमित मात्रा में सरसों उपलब्ध है.

Also read: India New Expressway: इसी साल में बनकर तैयार होंगे भारत का दूसरा सबसे लंबा सूरत-चेन्नई एक्सप्रेसवे, निर्माण में खर्च किये जायेंगे 50 हजार करोड़ रुपये

Also read: Bullet Train In Rajsthan: दिल्ली – अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के तहत राजस्थान के 7 जिलों के 335 गावों से होकर भी गुजरेगी बुलेट ट्रेन, खबर में जानिए पूरी डिटेल्स…

सूत्रों ने कहा कि खाद्य नियामक FSSAI नियमित तौर पर सरसों में मिलावट की जांच के लिए नमूने एकत्रित कर रहा है. जिस वजह से उपभोक्ताओं को शुद्ध सरसों तेल खाने को मिल रहा है. छापे के दौरान पटना में सरसों में ‘ब्लेंडिंग’ किए जाने का पता लगा है जिस पर कानूनी कार्रवाई की जा रही है. किसान रोक रोक कर बाजार में अपना उत्पाद ला रहे हैं.

  • सरसों तिलहन – 7,225 – 7,275 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये.
  • सरसों तेल दादरी- 14,200 रुपये प्रति क्विंटल.
  • सरसों पक्की घानी- 2,290 -2,340 रुपये प्रति टिन.
  • सरसों कच्ची घानी- 2,390 – 2,490 रुपये प्रति टिन.

सोनू मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले है पिछले 4 साल से डिजिटल पत्रकारिता...