बिहार के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ था कि बिहार के तत्कालीन डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने

अपने कार्यकाल के 6 महीने पूर्व ही वीआरएस ले लिया था.

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वीआरएस लेने के बारे में शामिल लगाया जा रहा था कि उन्हें विधानसभा में विधायक के रुप में सीट मिलेगी

लेकिन ऐसा ना होने पर लोगों का ऐसा लगा कि मंत्रिमंडल उनको मंत्री पक्का बनाया जाएगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ

हम आपको बता दें कि बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने अपनी retirement से 6 महीने पहले अपना नौकरी छोड़ दिया था

नेता बनने की चाह में फिर भी उन्हें विधायक की सीट नहीं मिली और नीतीश कुमार ने उन्हें मंत्रिमंडल के रूप में शामिल नहीं किया

उसके बाद तो नहीं लग रहा था पूरे लोगों को विश्वास था

कि राजपाल कोठी से उन्हें जरूर जगह मिलेगी परंतु ऐसा भी नहीं

बतौर आईपीएस अधिकारी गुप्तेश्वर पांडेय ने 33 साल की सर्विस पूरी की है.

एसपी से लेकर डीआईजी, आईजी और एडीजी बनने तक के सफर में गुप्तेश्वर पांडे प्रदेश के 26 जिलों में काम कर चुके थे.

1993-94 बेगूसराय और 1995-96 में जहानाबाद के एसपी रह चुके हैं. हालांकि,

इन दोनों जिलों में अपने कार्यकाल के दौरान अपराधियों का खात्मा कर दिया था. वही, इन्हें कम्युनिटी पुलिस के लिए भी जाना जाता था.

सोनू मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले है पिछले 4 साल से डिजिटल पत्रकारिता...