श्रावणी मेले के आयोजन पर इस साल भी संशय बरकरार है। 25 जुलाई से सावन का महीना शुरू हो रहा है, लेकिन प्रशासनिक तैयारी अभी तक शुरू नहीं हुई है। हालांकि श्रावणी मेला को लेकर सुल्तानगंज नगर परिषद अलर्ट मोड में है। राज्य सरकार व जिला प्रशासन का आदेश मिलने के बाद नगर परिषद तैयारी शुरू करेगी।
इस वर्ष सावन का महीना 25 जुलाई से शुरू होकर 22 अगस्त तक रहेगा। श्रावणी मेले की तैयारी जेठ महीने से ही शुरू हो जाती थी, लेकिन इस वर्ष तैयारी अभी तक शुरू नहीं हो पाई है। पिछले वर्ष भी कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण श्रावणी मेले का आयोजन नहीं किया गया था।
कोरोना की पहली लहर ने 2020 में भी श्रावणी मेले का आयोजन नहीं होने दिया था। मेला पर पूर्ण प्रतिबंध लगा था। झारखंड सरकार ने देवघर के कामना ज्योतिॄलग बाबा वैद्यनाथ मंदिर के खुलने पर ही रोक लगा रखी थी। इस वर्ष भी अभी तक मंदिर का पट नहीं खुला है। ऐसे में इस वर्ष श्रावणी मेले का आयोजन होगा या नहीं इस पर संशय बरकरार है।
श्रावणी मेले में देश-विदेश के 70 लाख के करीब कांवरिया सुल्तानगंज की पवित्र उत्तरवाहिनी गंगा से कांवर में जल लेकर झारखंड स्थित बाबा वैद्यनाथ का जलाभिषेक करने जाते हैं। जल भरकर कांवरिया गंगाधाम से बाबाधाम की 105 किलोमीटर की दूरी पैदल तय करते हैं।
श्रावणी मेला के दौरान सुल्तानगंज में मेला संबंधी छोटी-बड़ी दुकानों की संख्या एक हजार से अधिक होती है। एक महीना के दौरान लगभग डेढ़ सौ करोड़ का व्यापार सुल्तानगंज से लेकर पूरे कांवरिया पथ पर 95 किमी के बीच होता है। लिहाजा थोक व खुदरा व्यापारी इसकी प्रारंभिक तैयारी में करोड़ों की पूंजी लगाते हैं। मेला में आए लाखों श्रद्धालु हजारों दुकानदारों को करोड़ों की आय दे जाते हैं।
श्रावणी मेले से सीधे तौर पर जुड़े पंडे और स्ट्रीट वेंडरों को वैक्सीनेशन नहीं हो पाया है। कार्यपालक पदाधिकारी ने बताया कि बुधवार को मेला से जुड़े लोगों को वैक्सीन देना था, लेकिन अधिकांश लोग नहीं आए। सभी लोगों के वैक्सीन लेने के बाद विभाग को प्रस्ताव भेजा जाएगा।