समय से परीक्षा संपन्न होने के बाद अब मैट्रिक और इंटरमीडिएट के परीक्षा परिणाम का सबको इंतजार है। स्वाभाविक भी है।
खासकर परीक्षा संपन्न होने के तुरंत बाद बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की ओर से मूल्यांकन का काम आरंभ कर दिया गया था।
इससे अपेक्षा यह होने लगी थी कि अप्रैल के आरंभ में ही इसका परिणाम जारी किया जा सकता है। इंटरनेट मीडिया पर भी कुछ ऐसे ही कयास लगाए जा रहे हैं। लेकिन…! जी हां
, तमाम प्रयास के बावजूद सबकुछ अपेक्षा के अनुसार नहीं हुआ है।
अब भी कुछ पेंच फंसे हैं। ऐसे में परीक्षा में शामिल हुए बच्चों को अभी परिणाम के लिए इंतजार ही करना होगा।
समिति के सूत्रों की मानें तो अप्रैल के तीसरे या अंतिम सप्ताह पर धैर्य रखना पड़ सकता है।
वैसे आधिकारिक रूप से इस बारे में कुछ भी नहीं कहा जा रहा है।
इस देरी की एक वजह स्कूल और कॉलेज प्रशासन की लापरवाही भी है।
बहुत से ऐसे स्कूल और कॉलेज हैं जहां से मैट्रिक और इंटरमीडिएट परीक्षा के प्रायोगिक विषयों के अंक परीक्षा समिति को नहीं भेजे गए हैं। स्वाभाविक है
कि इन स्कूलों के इंतजार में समय से परीक्षा परिणाम जारी करने के परेशानी होगी।
अभी बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की ओर से ऐसे स्कूलों की सूची जारी करते हुए इन पर कार्रवाई का निर्देश जारी किया है।