यूं तो बिहार में हर दिन आपराधिक घटनाएं बढ़ती जा रही है जिसको लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार कैबिनेट बैठक कर रहे है ताकि किसी भी तरह इन मामलों पर काबू पाया जा सके। हाल ही में उन्होंने पुलिस मुख्यालय स्तर पर एक स्पेशल ” इन्वेस्टीगेशन मॉनिटरिंग सेल” टीम गठन करने का भी फैसला लिया है।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि बिहार में सबसे ज्यादा आपराधिक घटनाएं भूमि विवाद से जुड़ी हुई होती है, ऐसे में अब सीएम नीतीश कुमार लगातार इन चीजों को ध्यान में रखते हुए अपने काम कर रहे हैं। भूमि विवादों को मद्देनजर रखते हुए बिहार सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए यह तय किया है कि अब नए सिरे से जमीन कि सर्वे की जाएगी.
और साथ ही सर्वे के दौरान दी जाने वाली वंशावली को ग्रामसभा से पास करानी होगी जिसके लिए ग्रामसभा का आयोजन भी एक से अधिक बार हो सकता है. इसके अलावा सरकार ने ये भी साफ कर दिया है कि बिना ग्रामसभा के पास कराए वंशावली की कोई भी मान्यता सर्वे काम के लिए मानी नही जाएगी।
इसका मतलब सरकार के निर्देश के अनुसार अगर किसी व्यक्ति की वंशावली ग्रामसभा से पास नही हो पाई तो इसके लिए उसे आवेदन करना होगा और फिर उस आवेदन के बाद उसे ग्रामसभा वापिस बुलाया जाएगा। हालांकि बिहार सरकार ने यह भी कहा कि हर पंचायत को ये कोशिश करनी होगी.
कि गांव के हर परिवार की वंशावली एक बार में ही पास हो जाये ताकि उन्हें किसी भी समस्या का सामना बाद में ना करना पड़े। इसके अलावा आपको बतादें कि बिहार सरकार ने कुल 20 जिलों में भूमि सर्वे का काम शुरू भी कर दिया है जिसके लिए वहां मुख्यालय से अधिकारी भेजे गए है।
हालांकि इस नए नियम का मुख्य उद्देश्य ये है कि ग्रामसभा में वंशावली ले जाने से कोई भी गलत वंशावली नही दे पायेगा और सर्वे के लिए वंशावली भी उसी पीढ़ी के नाम से शुरू होनी चाहिए जिसके नाम से ख़ातियाने में नाम दर्ज है। इन नियमों के लागू होने के बाद अगर किसी ने जमीन बेची तो फिर ये आसानी से पता लगाया जा सकता है कि जमीन को सही हिस्सेदार ने बेचा है या नही ।