Patna : महामारी में लोग बेरोजगार हो रहे हैं, कोई रास्ता नहीं सूझ रहा। ऐसा लग रहा है मानो कोई काम है ही नहीं मार्केट में। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि आप घर में प्रिंटर ले आकर रख लें और नोट छापने लगें। अमूमन लोग मजाक में एक दूसरे को कहते भी हैं, नोट छापनेवाली मशीन लगा ही लो। धर्मेंद्र सिंह ने यह बात सीरियसली ले ली। बेरोजगार क्या हुआ घर में नोट छापनेवाली मशीन ही लगा ली।

यही नहीं पूरे खानदान को तैयार कर लिया कि घर से अब नोट ही छापेंगे। बाबूजी, भाई, चचेरा भाई सब तैयार हो गये। लगा दनादन नोट छापने। सौ, दो सौ और पांच सौ के नोट भी छापे और भंजाने भी लगा। पर पड़ोसियों को इस बात की भनक लग ही गई। इससे पहले कि धर्मेंद्र नोट छापकर लखपति, करोड़पति बन पाता घर पर पुलिस पहुंच गई। पहले सुताई-कुटाई हुई और फिर जेल भेज दिया गया।

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दरअसल बिहार के बक्सर जिले के राजपुर थाना क्षेत्र के मनोहरपुर गांव में नकली नोट छापने का खुलासा हुआ है। मंगलवार की रात गुप्त सूचना के आधार पर छापेमारी कर पुलिस ने तीन लाख 77 हजार 600 रुपए जब्त किये। जब्त रुपयों में सौ, दो सौ और पांच सौ के नोट हैं। पुलिस ने मौके से एक ही परिवार के तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार लोगों में धर्मेंद्र सिंह उसके पिता सुभाष सिंह और चचेरा भाई अशोक सिंह शामिल हैं। पुलिस ने प्रिंटर, लैपटॉप, नोट पंचिंग मशीन और महात्मा गांधी का मोनोग्राम बनाने वाली मशीन बरामद की है।


इसके अलावा दर्जनभर एटीएम कार्ड व अन्य कागजात भी बरामद किया गया है। गिरफ्तार आरोपियों को जेल भेज दिया गया है। वहीं उनके गिरोह में शामिल परिवार के अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी के लिये छापेमारी की जा रही है।

पुलिस छापेमारी के दौरान मौके से 3.12 लाख के बिल्कुल असली जैसे दिखाई दे रहे नकली नोटों के साथ ही 65 हजार रुपयों के अर्धनिर्मित 500 के नोट बरामद किये गये हैं। 500 रुपयों के जो नोट बरामद किए गए हैं उनकी अभी कटाई की जानी बाकी थी।

सोनू मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले है पिछले 4 साल से डिजिटल पत्रकारिता...