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डोली, घोड़ी और रथ पर सवार दूल्हे को बरात में निकलते आपने देखा होगा लेकिन दूल्हे को कंधे पर सवार होकर बरात निकलते आपने शायद ही कहीं देखा होगा. अगर नहीं देखा है तो देखिए पश्चिमी चंपारण जिला के रामनगर के बभनी गांव की ये तस्वीर है. गांव के बन्धु गोड के बेटे प्रमोद कुमार की बरात निकली है लेकिन गांव जलमग्न हो गया है.

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गांव में जाने के लिए पक्की सड़क नही है. दरवाजे पर दूल्हे की कार रथ घोड़ी पालकी नहीं जा सकती है तो दूल्हे के साथियों ने दूल्हे को कंधे पर उठा लिया और लाठी से रास्ते में पानी नाप-नाप कर दूल्हे को उसके कार तक पहुंचाया. बता दें कि इस क्षेत्र में दो दिन से भारी बारिश हो रही है, ऐसे में पहाड़ी नदियां भी उफान पर है. बभनी गांव जलमग्न हो गया है और गांव में सड़क नहीं है.

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ऐसी सूरत में दूल्हा प्रमोद कुमार के दरवाजे पर कोई सवारी गाड़ी नहीं जा सकती है तो दूल्हे के दोस्तों ने तरकीब निकाली और कंधे से दूल्हे को गांव से बाहर निकाल दिया. ये तस्वीर रामनगर की है और ये तस्वीर यह भी बताती है कि विकास अभी इन गांवों से कोसों दूर है.

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सोनू मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले है पिछले 4 साल से डिजिटल पत्रकारिता...