IES Vaibhav Chhabra : दुनिया मे ऐसे बहुत से लोग होते हैं जो औसत दर्जे के होते है लेकिन वो एक दिन अपनी मेहनत के दम पर इतिहास लिखते हैं। आज हम बात करने जा रहे हैं कि ऐसे ही छात्र की जो कि बचपन से ही एक औसत छात्र रहा है. कई बार फेल होने के बावजूद भी उसने हिम्मत नहीं हारी। उसने अपनी मेहनत और लगन के दम पर लोगों को दिखा दिया की जो मेहनत करता है, वह कभी असफल नहीं होता।
आप पढ़ने में कितने भी कमजोर हों लेकिन आपके अंदर लालसा, ललक और लगन है। तो आप अपने लक्ष्य को जरूर हासिल करते है। इसका जीता जागता उदाहरण हैं वैभव छाबड़ा (Vaibhav Chhabra). यूपीएससी की परीक्षा में 8 बार फेल होने के बावजूद IES (इंडियन इंजीनियरिंग सर्विसेज) की परीक्षा में उन्होंने हार नहीं मानी. लगन और मेहनत का ही नतीजा है कि आज वो IES अधिकारी के तौर पर कार्यरत हैं.
वैभव छाबड़ा मूलतः दिल्ली के रहने वाले हैं। वो एक मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखते हैं। वैभव की प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली से हुई। वो एक औसत दर्जे के छात्र थे। उनका पढ़ाई-लिखाई में विशेष मन नही लगता था। हमेशा ही स्कूल में पीछे वाली सीट पर बैठते थे। हालांकि वैभव (Vaibhav Chhabra IES) बताते हैं कि वो स्कूल प्रतिदिन जाते थे। उन्होंने 10वीं और 12वीं की परीक्षा औसत नंबर से पास कर ली।
दो वर्षों तक कोचिंग पढ़ाने के बाद उन्होंने खुद यूपीएससी की परीक्षा में बैठने का फैसला किया। वैभव ने कोचिंग में बच्चों को पढ़ाना छोड़ दिया और यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी. लेकिन पढ़ाई में मन न लगने के कारण उन्होंने बीएसएनएल में एक बार फिर नौकरी कर ली। वहाँ भी उनका मन नहीं लगा। उन्होंने फिर नौकरी छोड़ दी। इस बार उन्होंने पूरी मेहनत और लगन से यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी में जुटने का प्रयास शुरू किया।