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ससुराल को स्विट्जरलैंड समझने वालों खुद को संभालिए। ससुर कोई नोट छापने की मशीन नहीं होते कि जब दिल चाहा उनके घर धमक गए, ऐश-मौज किया और फिर वापस। वहां की भी अर्थव्यवस्था होती है। आय-व्यय का नाजुक संतुलन होता है। यदि आपकी वजह से बार-बार यह संतुलन बिगड़ेगा तो आपका वही हश्र हो सकता है.

जो मुजफ्फरपुर के पारू थाना निवासी इस युवक का हुआ। पुत्र की छठी पर ससुराल पहुंचने पर इसका गाली-गलौज और लात-जूते से स्वागत किया गया। वहां से तो वह खून का घूंट पीकर आ गया, लेकिन अब इसकी शिकायत थाने में करने की बात कह रहा है।

दरअसल, पारू थाना के कोइरिया निजामत गांव निवासी शंभू भगत के पुत्र मणिभूषण कुमार के साथ ससुराल वालों ने गाली- गलौज और मारपीट की। इतना ही नहीं धमकी देकर वहां से भगा दिया। पीडि़त ने बताया कि उसकी शादी करीब डेढ़ साल पहले सरैया थाने के लक्ष्मीपुर अरार गांव निवासी भूलर भगत की पुत्री कविता कुमारी के साथ हुई थी। सबकुछ सही ही चल रहा था। इस बीच पत्नी गर्भवती हो गई तो उसने मायके पहुंचा दिया। इस बीच उसने लड़के को जन्म दिया। 5 जून को पुत्र की छठी थी।

इसमें शामिल होने वह ससुराल पहुंचा तो स्वागत करने की जगह सास, ससुर समेत अन्य लोगों ने गाली- गलौज शुरू कर दी। मारपीट भी किया। साथ में धमकी भी दी कि आज तो इतना पर ही बख्श दे रहा हूं। यदि दोबारा मेरे दरवाजे पर आए तो हाथ- पैर तोड़ कर दिव्यांग बना दूंगा। इसके बाद किसी भी काम के नहीं रह जाओगे।

ससुरालवालों के इस व्यवहार से युवक आहत है। उसका कहना है कि कोई दामाद के साथ ऐसा व्यवहार करता है भला? मान-स्वागत की जगह गाली-गलौज और लात-जूते। वह भी पत्नी के सामने। बताइए, अब मेरी क्या इज्जत रह गई वहां? इसको सहन करना संभव नहीं हो पा रहा है। मैं इसकी शिकायत सरैया थाने में करूंगा।

हालांकि इस घटना के बारे में आसपास के लोगों का कहना है कि शादी के बाद से ही इस युवक ने कभी अपनी पत्नी के प्रति जिम्मेदारीपूर्ण व्यवहार नहीं किया। गर्भवती हाेने के बाद उसे मायके ले जाकर छोड़ दिया। उसके इलाज और डिलिवरी के खर्च नहीं दिए। इससे ससुरालवालों में आक्रोश है। यह परिवार भी निम्न आयवर्ग वाला परिवार है।

साभार :- DAinik Jagran

सोनू मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले है पिछले 4 साल से डिजिटल पत्रकारिता...