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समय कभी एक जैसा नहीं रहता. कभी अच्छे तो कभी बुरे, दिन सबके बदलते हैं. कुछ ऐसा ही हुआ है बाबा का ढाबा चलाने वाले कांता प्रसाद के साथ. दिल्ली के मालवीय नगर में उनकी एक छोटी-सी गुमटी है. सोशल मीडिया पर पिछले साल जब उनकी बदहाली का वीडियो वायरल हुआ था तो लोग मदद करने के लिए उनके ढाबे पर उमड़ पड़े थे. बाबा के दिन बदल गए. उन्होंने नया रेस्तरां खोल लिया. अपने घर में एक नई मंजिल जोड़ ली. अपने पुराने कर्ज को निपटा दिया. लेकिन यह जिंदगी है, और इसे यू-टर्न मारने में देर नहीं लगती. अब बाबा एक बार फिर अपने पुराने ढाबे पर लौट आए हैं.

अपने पुराने ढाबे पर बैठे कांता प्रसाद को अब एक बार फिर से ग्राहकों का इंतजार है. बाबा का ढाबा बीते पिछले कुछ समय से बंद था. दिल्ली में लॉकडाउन हटने के बाद अब उसे फिर खोला गया है. लेकिन मुफलिसी का आलम है. कांता प्रसाद से हिन्दुस्तान टाइम्स से कहा,

80 साल से ज्यादा उम्र के कांता प्रसाद ने वीडियो में रोते हुए बताया था कि उनके दो बेटे और एक बेटी है, लेकिन कोई मदद नहीं करता. वो और उनकी पत्नी दिनभर ढाबे पर खाना बनाकर बेचते हैं. उसके बाद तो मानो बाबा की किस्मत ही पलट गई. देशभर से बुजुर्ग दंपती के लिए प्यार उमड़ने लगा. जो जहां था, वहीं से मदद की गुहार लगाने लगा. कई नेता, अभिनेताओं ने भी आगे आकर मदद की.

वीडियो वायरल होने के बाद बाबा के ढाबे की काया पलट गई. पहले जहां आसमानी रंग की वीरान सी गुमटी दिखती थी, वीडियो वायरल होने के बाद गुमटी विज्ञापनों से ढक गई. लोगों की भीड़ मदद के साथ सेल्फी लेने के लिए टूटने लगी. पोर्टाकेबिन की तरह दिखने वाले पुराने ढाबे में तीन सीसीटीवी कैमरे लग गए. ऊपर एक फैंसी सा बोर्ड लग गया. उस पर ढाबे का नाम, स्थापना का वर्ष, बुजुर्ग जोड़े की तस्वीरें और दो मोबाइल नंबर भी लिख गए.

इसके बाद कांता प्रसाद ने नया रेस्टोरेंट खोला. लेकिन वो ज्यादा दिन चला नहीं. कांता प्रसाद ने हिंदुस्तान टाइम्स को बताया कि उनके नए रेस्टोरेंट में शुरू में तो बहुत कस्टमर आते थे, लेकिन धीरे-धीरे कम होते गए. रेस्टोरेंट में उन्होंने 5 लाख रुपये लगाए थे. दो कुक रखे. तीन वर्कर रखे. महीने का खर्च करीब एक लाख रुपये बैठता था.

लेकिन महीने की आमदनी 40 हजार से ऊपर कभी नहीं गई. बहुत घाटा झेलना पड़ा. मुझे लगता है कि नया रेस्टोरेंट खोलने का सुझाव मानकर मैंने गलती कर दी. तीन महीने में ही वो रेस्टोरेंट बंद हो गया. इसके बाद अब कांता प्रसाद वापस अपने पुराने ढाबे पर आकर लोगों को खाना सर्व कर रहे हैं.

सोनू मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले है पिछले 4 साल से डिजिटल पत्रकारिता...