हजारों लोगों की जानों की रक्षा करने वाला एक बहादुर चूहा सेवानिवृत्त हो गया। आप सोच रहे होंगे कि कैसे एक चूहा इंसानों की रक्षा कर सकता है। तो बता दें कि कंबोडिया में बीते पांच साल में मगावा नामक इस चूहे ने करीब 99 बारूदी सुरंगों का पता लगाया, जिससे हजारों लोगों की जानें बच सकीं।

अफ्रीकी नस्ल के इस मगावा चूहे की बहादुरी के सोशल मीडिया पर भी खूब चर्चे हो रहे हैं। इस चूहे के सूंघने की क्षमता इतनी बेहतर है कि बारूदी सुरंगों का पता लगाने में इस्तेमाल होने वाली महंगी मशीनों को भी मात दे देती है। इसी खासियत के चलते इसे दल में शामिल किया गया था और अब तक इसने एक सैकड़ा बारूदी सुरंगों का पता लगायाहै।

Also read: India New Expressway: इसी साल में बनकर तैयार होंगे भारत का दूसरा सबसे लंबा सूरत-चेन्नई एक्सप्रेसवे, निर्माण में खर्च किये जायेंगे 50 हजार करोड़ रुपये

Also read: Bullet Train In Rajsthan: दिल्ली – अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के तहत राजस्थान के 7 जिलों के 335 गावों से होकर भी गुजरेगी बुलेट ट्रेन, खबर में जानिए पूरी डिटेल्स…

सात साल का है मगावा
यह चूहा सात साल का है और इस चूहे को विशेष रूप से कंबोडिया में बारूदी सुरंगों का पता लगाने के लिए प्रशिक्षित किया गया था। उसने सफलता पूर्वक अपने काम को अंजाम दिया और उसके बारूदी सुरंगों के साथ कई जिंदा विस्फोटकों का भी पता लगाया। मगावा को एपीओपीओ नामक संगठन ने ट्रेंड किया था। रिपोर्ट के मुताबिक, यह संगठन चूहों को बारूदी सुरंगों और अस्पष्टीकृत बमों का पता लगाने के लिए प्रशिक्षत करता है। मगावा पूरी तरह स्वास्थ्य है, लेकिन नियमानुसार सेवानिवृत्ति हो गया है।

सोनू मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले है पिछले 4 साल से डिजिटल पत्रकारिता...