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बिहार में सड़कों को रिंग रोड बनाने वाली सरकार अब बिजली का रिंग यूनिट बनाएगी। हर सब स्टेशन में ऐसी व्यवस्था होगी कि अगर एक ब्रेकडाउन कर जाए तो दूसरे से बिजली मिलने लगेगी। पटना सहित पूरे राज्य में ऐसी व्यवस्था करने का खाका तैयार कर लिया गया है। सरकार की सैद्धांतिक सहमति मिल चुकी है। राशि मंजूर होते ही इस पर काम शुरू हो जाएगा।

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रिंग मेन यूनिट 30 केवी के स्तर पर होगा। दरअसल ट्रांसमिशन लाइन में ब्रेक डाउन होने पर फिर ग्रिड बंद करने की नौबत आ जाती है और न चाहते हुए भी कम बिजली लेने की बाध्यता हो जाती है। इसलिए बिजली कंपनी ने ट्रांसमिशन लाइन का विकल्प बनाने का निर्णय लिया है। इस विकल्प में यह होगा कि अगर किसी सब स्टेशन में 30 केवी के तार में गड़बड़ी आ गयी तो दूसरे स्रोत से कुछ ही मिनटों में बिजली आपूर्ति बहाल कर दी जाएगी। इस तरह पूरे राज्य में एक सब स्टेशन दूसरे से जुड़ा होगा। जुड़े होने का लाभ होगा कि ब्रेकडाउन होने पर किसी भी मोहल्ले को आसानी से बिजली आपूर्ति की जा सकेगी।

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अभी राजधानी के चंद वीवीआईपी इलाके में फिलहाल यह यूनिट काम कर रहा है। सचिवालय, मंत्री व मुख्यमंत्री आवास, हाईकोर्ट जैसे वीवीआईपी इलाके में दो स्रोत से बिजली आपूर्ति की व्यवस्था है। अगर एक में खराबी आ जाए तो दूसरे स्रोत से बिजली बहाल कर दी जाती है। वीवीआईपी लोगों को मिलने वाली यह सुविधा आम लोगों को रिंग मेन यूनिट के माध्यम से मिल जाएगी।

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उदाहरण के तौर पर अगर पटना का जक्कनपुर ग्रिड विकास भवन से जुड़ा है तो विकास भवन को दीघा ग्रिड से जोड़ दिया जाएगा। अगर जक्कनपुर ग्रिड में खराबी आ जाए तो दीघा ग्रिड से विकास भवन होते हुए जक्कनपुर इलाके को बिजली मिलने लगेगी। यही व्यवस्था पूरे राज्य में होगी।

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राज्य में बिजली खपत लगातार बढ़ रही है। कंपनी को अनुमान है कि मौजूदा वित्तीय वर्ष में 6576 मेगावाट की अधिकतम आपूर्ति की जा सकेगी। अब तक 5932 मेगावाट की अधिकतम बिजली आपूर्ति की जा चुकी है। बिजली आपूर्ति करने के लिए इस वर्ष तक कुल 173 ग्रिड सब स्टेशन बना लिए जाएंगे। इसके लिए 20354 सर्किट किलोमीटर ट्रांसमिशन लाइन बिछाए जाएंगे। इसके आधार पर बिहार की बिजली निकासी क्षमता 14806 मेगावाट की हो जाएगी।

सोनू मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले है पिछले 4 साल से डिजिटल पत्रकारिता...