AddText 06 03 04.19.10

बिहार में लंबे अरसे के बाद डागमारा पनबिजली ( पानी से बिजली बनाने ) परियोजना का सपना साकार होने जा रहा है। बता दें कि वर्तमान केंद्र सरकार इस प्रोजेक्ट को अब धरातल पर उतारने की कवायद शुरू कर दी है। इस प्रोजेक्ट को कोसी के बाएं तटबंध पर स्थित सुपौल जिले के भपटियाही गांव में लगाया जाएगा।

Also read: पूरा सज-धजकर बारात लेकर निकल रहा था दूल्‍हा, उधर प्रेमिका कर रही थी इंतजार सामने आते ही चेहरे पर फेंका एसिड, उसके बाद…

यह प्रोजेक्ट भीमनगर बराज के डाउन स्ट्रीम से 31 किलोमीटर की दूरी पर है। कैबिनेट की मंजूरी के बाद 130 मेगावट बहु उद्देशीय जल विद्युत परियोजना के निर्माण के लिए बिहार राज्य जलविद्युत विद्युत निगम (BHPC) एवं भारत सरकार के उपक्रम नेशनल हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर कारपोरेशन बीच 40 वर्षो के लिए द्विपक्षी एकरारनामा किया गया है।

Also read: रेलवे का बड़ा ऐलान भीड़ को देखते हुए समस्तीपुर मंडल से दिल्ली, हावड़ा सहित मुंबई के लिए रेलवे चलाने जा रही समर स्पेशल ट्रेन

इसके साथ ही राज्य सरकार द्वारा परियोजना के लिए 5 वर्षो की अवधी के दौरान कुल 700 करोड़ रु० अनुदान के रूप में स्वीकृत किया गया है। इस प्रोजेक्ट में पनबिजली के साथ-साथ सौर ऊर्जा और मछली उत्पादन को भी शामिल किया गया है।

Also read: Bihar Weather : बिहार के लोगों को नहीं मिलने वाली है गर्मी से राहत इन 11 शहरों में भीषण ‘लू’ की अलर्ट! दिन पर दिन बढ़ रहा तापमान, जानिये…

इस प्रोजेक्ट से बिहार के सात जिलों को होगा फायदा: बता दें कि डागमारा जलविद्युत परियोजना बनने से बिहार के कोसी बेल्ट के सात जिलों का सपना पूरा हो जाएगा। सुपौल जिले में कोसी नदी पर बननेवाले इस पनबिजली परियोजना से क्षेत्र के सात जिलों को न सिर्फ बिजली मिल पाएगी ।

Also read: ट्रक पर रखा था हवाई जहाज उसे देखने के लिए सड़क पर जुट गई भारी भीड़, लोग बोले जिंदगी में पहली बार इतना पास से देखे है!

बल्कि हर साल नदी में आनेवाली बाढ़ की समस्या से भी लोगों को राहत मिलेगी । सबसे राहत की बात यह है कि अब कोसी नदी के पानी का इस्तेमाल इस पनबिजली परियोजना के लिए किया जाएगा। इस परियोजना के पूरे होने के बाद सुपौल सहित सात जिलों को लाभ होगा। इनमें बिहार के सहरसा,अररिया समस्तीपुर, मधेपुरा, और दरभंगा जिला शामिल है।

इस परियोजना से 7.65 मेगावाट के 17 यूनिट होगी स्थापित होगी: बता दें कि इस परियोजना की कुल क्षमता 130 मेगावाट है। जिसमें 7.65 मेगावाट के 17 यूनिट स्थापित होगी।

जिसमें 5.87 मीटर का हेड विधुत उत्पादन के लिए उपलब्ध होगा। इस परियोजना में कंक्रीट बराज अर्थन डैम एवं पावर हाउस का निर्माण किया जाना है जिसकी लम्बाई क्रमश: 945 मीटर,5750 मीटर, एवं 283.20 मीटर होगी। इस परियोजना के निर्माण में रु०2478.24 करोड़ अनुमानित लागत आएगी।

कोसी के पानी का सदुपयोग : बताते चलें कि बिहार में कोसी नदी के जल प्रलय से हर लोग वाकिफ हैं। इस परियोजना के पूर्ण होने के बाद कोसी नदी के पानी का भी सदुपयोग होने के आसार हैं। जिसके बिहार में बिजली उत्पादन को लेकर अन्य राज्यों पर निर्भरता में कमी आयेगी ।

सोनू मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले है पिछले 4 साल से डिजिटल पत्रकारिता...