कहा जाता हैं समय बदलने में समय नहीं लगता हैं ये कहावत ओलंपिक मेडलिस्ट सुशील कुमार पर बिल्कुल फिट बैठती हैं. एक समय ऐसा था जब ये पहलवान भारत सहित दुनिया का सबसे चर्चित नाम हैं. कुश्ती में हाथ अजमाने वाली देश की युवा पीढ़ी उन्हें अपना आदर्श मानती थी लेकिन उनकी एक गलती हैं उन्हें एक बड़ा मुजरिम बना दिया हैं.

सुशील कुमार के पास पैसों को कोई कमी हैं और उन्होंने विज्ञापनों से मोटी कमाई की हैं लेकिन अब सब मिटटी मिल चूका हैं. वर्ल्ड चैंपियन रह चूका ये पहलवान अब सलाखों के पीछे हैं और अपनी गलती पर फूट-फूटकर रो रहा हैं. सुशील पर आरोप हैं कि उन्होंने छत्रसाल स्टेडियम में 23 वर्षीय पहलवान को पीट-पीटकर मार डाला. लेकिन क्या आप जानते हैं कि ओलंपिक में दो बार मैडल जीतने वाले सुशील कुमार कितनी संपत्ति के मालिक हैं? आज इस लेख में हम उनकी संपत्ति और आय के जरिये के बारे में जानेगे.

Also read: India New Expressway: इसी साल में बनकर तैयार होंगे भारत का दूसरा सबसे लंबा सूरत-चेन्नई एक्सप्रेसवे, निर्माण में खर्च किये जायेंगे 50 हजार करोड़ रुपये

Also read: Bullet Train In Rajsthan: दिल्ली – अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के तहत राजस्थान के 7 जिलों के 335 गावों से होकर भी गुजरेगी बुलेट ट्रेन, खबर में जानिए पूरी डिटेल्स…

सुशील कुमार की संपत्ति कितनी हैं, इसका सही प्रमाण नहीं हैं लेकिन मीडिया के अनुसार 2020 की जानकारी के मुताबिक ये पहलवान 5 करोड़ के मालिक हैं. सुशील ने पहलवानी करते हुए लाखों रूपए कैश भी जीता हैं. ओलंपिक में देश को मैडल जीतने के बाद भारतीय रेलवे ने उन्हें 50 लाख कैश और रेलवे में सरकारी नौकरी दी थी. इसके आलावा दिल्ली सरकार की ओर से भी उन्हें ईनाम के रूप में 25 लाख कैश मिल चुके हैं. इतनी ही नहीं हरियाणा सरकार और स्टील मंत्रालय ने भी पहलवान को 25-25 लाख का ईनाम दिया था.

मॉडल टाउन का डी 10/6 ब्लाक का मकान उनकी पत्नी के नाम पर हैं जोकि उनकी बर्बादी का कारण भी बना. दरअसल इसी फ्लैट के कारण सुशील और सागर पहलवान के बीच विवाद हुआ था. जिसके बाद सुशील ने सागर को पीट-पीटकर पर मार डाला. फ्लैट के आलावा सुशील एक बड़े स्कूल के भी मालिक हैं.

सुशील कुमार ने दिल्ली और गाजियाबाद के बॉर्डर पर टोल टैक्स वसूलने का ठेका दिल्ली नगर निगम से लिया था. पुलिस के सूत्रों की माने तो खुद सुशील कुमार ने यह ठेका लगभग 3 महीने चलाया था, फिर इस धंधे पर उसका ही वर्चस्व रहा. वो पहलवानी की ट्रेनिंग लेने आए युवाओं को टैक्‍स वसूलने के लिए भेज देता था.

सोनू मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले है पिछले 4 साल से डिजिटल पत्रकारिता...