AddText 06 02 08.55.37

कर्नाटक में ऑटोरिक्शा एंबुलेंस के लिए 18 वॉलंटियर्स ड्राइवर का चयन किया गया। इसमें से सुनीता आर एकमात्र महिला हैं जिनका चयन ऑटोरिक्शा एंबुलेंस के लिए हुआ है। सुनीता के अनुसार, ऐसे कई लोग हैं जिन्होंने महामारी के बीच अपनी जान दांव पर लगाकर दूसरों की मदद की है। मैंने कोरोना पेशेंट की मदद के लिए ऑटोरिक्शा एंबुलेंस ड्राइवर बनना तय किया। इस एंबुलेंस में मेडिकल केयर से जुड़े सभी इक्विपमेंट और ऑक्सीजन की सुविधा है।

स्कूल से पढ़ाई पूरी करने के बाद सुनीता चाहती थी कि पेंटिंग में आगे की पढ़ाई करे। लेकिन 2005 में उसे अपना ड्राइविंग लाइसेंस मिला और उसके बाद उसने ऑटोरिक्शा ड्राइविंग शुरू की। 2012 में उसने अपना पहला ऑटो रिक्शा खरीदा। वह पिछले नौ साल से ऑटो रिक्शा चला रही हैं।

सुनीता सहित 18 वॉलंटियर्स ड्राइवर को उनकी सुरक्षा से जुड़ी ट्रेनिंग दी जाती है। उन्हें पीपीई किट पहनने का तरीका भी सिखाया जाता है और कोरोना पेशेंट को हैंडल करने के उपाय भी बताए जाते हैं। पिछले दिनों सुनीता के इस प्रयास की तारीफ महापौर एम अनिल कुमार ने भी की थी। सुनीता को इस बात की खुशी है कि एक महिला होने के नाते अन्य पुरुष ड्राइवर के बीच रहते हुए भी उसे कभी कोई दिक्कत नहीं हुई। सभी ड्राइवर उसे सम्मान देते हैं।

सोनू मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले है पिछले 4 साल से डिजिटल पत्रकारिता...