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बंगाल की खाड़ी में उठा चक्रवाती तूफान यास जब बंगाल, उड़ीसा और झारखंड होते हुए बिहार पहुंची थी तो इसकी तीव्रता काफी कम हो गई थी पर इसके बावजूद बिहार में पिछले 3 दिनों से लगातार काफी बारिश देखने को मिल रही है। इससे सूबे का पूरा जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। राजधानी पटना के कई इलाकों में जलजमाव देखने को मिल रहा है। अभी भी मौसम विभाग का कहना है कि आज शनिवार को भी कई जगहों पर वर्षा हो सकती है। अभी भी बिहार के ज्यादातर इलाकों में बादल छाए हुए हैं और हल्का फुल्का रह रह कर बूंदाबांदी होती रहती है।

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इस बार मौसम विभाग के द्वारा गया और नवादा जिला को विशेष रूप से अलर्ट किया गया है क्योंकि इन सभी इलाकों में मध्यम वर्षा के साथ वज्रपात भी होने की आशंका जताई गई है। मौसम विभाग के वैज्ञानिकों के द्वारा कहा गया कि यास अब यूपी के पूर्वांचल क्षेत्र में घुस चुका है और जिसके कारण प्रदेश कि अधिकतर जगहों में हवा की रफ्तार काफी कम हो गई है और बारिश भी धीरे-धीरे कम होती जा रही है। अगले 24 घंटों में यह और भी कम हो जाएगी।

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गौर मतलब है कि यास चक्रवात के कारण बिहार के कई जिलों में मूसलाधार बारिश हुई है। पटना के अलावे गया पूर्णिया, नवादा, शेखपुरा में काफी रिकॉर्ड तोड़ बारिश देखने को मिली है, जिससे के कारण कई जगहों पर जलजमाव की भी स्थिति उत्पन्न हो गई है। वहीं राज्य के पूर्वी भाग में भी कहीं-कहीं काफी बारिश हुई है जिसमें कटिहार के मनिहारी में 251.6 मी मी की बारिश हुई है।

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शुक्रवार को सुबह के लगभग 8 बजे से ही बारिश होना प्रारंभ हो गया। बिहार के वैशाली, खगरिया, पटना, पूर्वी चंपारण, अररिया, बेगूसराय, समस्तीपुर, मधुबनी जमुई में काफी रिकॉर्ड तोड़ बारिश देखी गई है। इन जगहों पर हवाओं की रफ्तार 37 किलोमीटर प्रति घंटे थी जिसके कारण कई जगहों पर पेड़ भी उखड़ गए। सूबे में यास चक्रवात के कारण 7 लोगों की मौतें भी हुई है। सरकार ने इन लोगों को लिए चार चार लाख की मुआवजा का भी ऐलान किया है।

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वहीं अब कहा जा रहा है कि यास तूफान के कारण इस बार बिहार में मॉनसून भी जल्दी आ जाएगी। यास तूफान ने मानसून को लाने में काफी मदद की है। अभी अंडमान निकोबार दीप समूह के आसपास दक्षिणी पश्चिमी मानसून काफी तेज है। अगले दो दिनों के बीच के केरल में इसे दस्तक होने की प्रबल संभावना बन रही है।

इसके बाद या धीरे-धीरे उत्तर भारत की तरफ बढ़ेगा। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि 12-13 जून के बीच यह मानसून बिहार में प्रवेश कर सकता है। सामान्यतः बिहार में जून से सितंबर के बीच मानसून की बारिश होती रहती है। ऐसा भी अनुमान लगाया जा रहा है कि इस बार सामान्य से अधिक बारिश होगी ।

सोनू मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले है पिछले 4 साल से डिजिटल पत्रकारिता...